Trump assassination attempt: मरने के डर से ट्रम्प राष्ट्रपति पद की शपथ लेना कैंसिल कर देंगे ?

परिचय

Trump assassination attempt: दोस्तों, हाल ही में अमेरिका के अंदर जिस तरह की स्थिति देखने को मिल रही है, जिसमें यहां पर कई आतंकवादी हमले हुए हैं। इससे दुनिया को लगने लगा है कि इस समय पर अमेरिका अपने सबसे बुरे दौड़ से गुजर रहा है। इसका कारण मैं आपको आगे बताऊंगा कि अमेरिका में बीते कुछ दिनों में क्या-क्या हुआ है और जब राष्ट्रपति चुनाव का परिणाम आ गया था, तो उसके बाद से ही बहुत से विशेषज्ञों का कहना था कि अगला जो 76 दिन है, मतलब चुनाव के नतीजे 5 नवंबर को आया था, तो तब से लेकर जब तक डोनाल्ड ट्रंप का शपथ ग्रहण समारोह नहीं हो जाता यानि 20 जनवरी तक। तो इनके बीच 76 दिन, अमेरिका के इतिहास में काले पन्नों में दर्ज होने वाला है। आज के इस ब्लॉग में आपको बताएंगे कि अमेरिका में आखिर हो क्या रहा है और उसको आपको बताएंगे कि क्या इस समय पर अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की हत्या करने को लेकर कोई प्रोजेक्ट चल रहा है। यहां पर आपको बहुत कुछ सीखने को मिलेगा चलिए। आगे बढ़ते हैं और सबसे पहले देखते हैं कि अमेरिका में इस समय क्या हो रहा है।

पूरा मामला क्या है ?

देखिए 20 जनवरी को डोनाल्ड ट्रंप आधिकारिक तौर पर अमेरिका के राष्ट्रपति बन जाएंगे। मगर उसके ठीक पहले अमेरिका में बहुत ही ज्यादा हिंसा की घटना देखने को मिल रही है। अमेरिका के न्यूयॉर्क में लोग नए साल 2025 का जश्न मना रहे थे। मगर इस समय पर एक ट्रक आकर बहुत से लोगों को कुचल देता है, जिसमें बहुत से लोगों की मृत्यु हो जाती है। इसके अलावा एक और खबर आई की, लास वेगास में ट्रंप इंटरनेशनल होटल के बाहर एक साइबर ट्रक ब्लास्ट हो जाता है। पुलिस जांच में पाया गया कि ट्रंप इंटरनेशनल होटल के बाहर हमला करने वाला आतंकी मैथ्यूलेवल्सबर्गर ने हमले की योजना बनाने में ChatGpt का इस्तेमाल किया था। अधिकारियों के अनुसार लेवल्सबर्गर ने हमले के बाद खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी।
मगर यहां पर जो यह दोनों घटनाएं हुई, उसे एक टेरर अटैक माना जा रहा है। इसके अलावा भी न्यूयॉर्क के नाइट क्लब के बाहर शूटिंग की गई, जिसमें कई लोग घायल हो गए। इतना ही नहीं आगे बताया जा रहा है कि न्यूयॉर्क सिटी में एक अवैध अप्रवासी के द्वारा एक महिला को आग लगाकर जला दिया जाता है। तो इस समय अमेरिका में निरंतर इस तरह की घटनाएं देखने को मिल रही है।

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क्या इन हमलों का लिंक है ?

सबसे पहले तो आपको यह बताते हैं कि जो हाल ही में अमेरिका के अंदर जो दो बड़े हमले किए गए हैं वह कैसे एक-दूसरे से लिंक रखते हैं। आपको बता दूं कि अमेरिका में यह दोनों ही दुर्घटना एक ही दिन में हुआ है और दोनों ही गाड़ियों को कार शेयरिंग प्लेटफार्म “TURO” से रेंट पर लिया गया था। आपको मालूम होगा भारत में भी अगर आप एक शहर से दूसरे शहर जाते हैं, तो ओला-उबर से कार को रेंट पर लेते हैं। यह कुछ घंटे से कुछ दिनों तक के लिए भी होता है। इसी तरह अमेरिका में “TURO” से लोग कार रेंट पर लेते हैं। तो इन हमलों में “TURO” से दोनों गाड़ियों को किराए पर लिया गया था।
एक लास वेगास में टेस्ला साइबर ट्रक देख सकते हो जो ट्रंप होटल के बाहर अचानक से मतलब जैसे ही या गाड़ी ट्रंप होटल तक पहुंचती है, उसके कुछ ही सेकंड में यह ब्लास्ट हो जाता है। इसमें एक शख्स की मौत हो जाती है और बहुत से लोग घायल हो जाते हैं।

उसके बाद दूसरी खबर न्यूयॉर्क से था, कि वहां पर शमसुद्दीन जबर, जो एक अमेरिकी सेना के अंदर पूर्व अधिकारी रह चुका है। यह शख्स् भरी भीड़ वाली जगह पर ट्रक लेकर घुस जाता है और उसमें 15 लोगों की जान ले लेता है। आगे पुलिस को जांच में ISIS फ्लैग भी बरामद हुआ है। इस घटना पर लुसियाना के अटॉर्नी जनरल ने बताया कि इस वारदात में बहुत से लोग शामिल हो सकते हैं, जो एक तरह से देश में टेलर फैलाना चाहते हैं। मगर इसको लेकर खुफिया एजेंसी एफबीआई ने बोल दिया है कि इस घटना को अंजाम देने वाला शख्स इस्लामिक स्टेट के विचारधारा से प्रभावित है।

बताया जा रहा है कि न्यूयार्क और लास वेगास, दोनों ही में जो लोग शामिल थे, वह दोनों अमेरिका में एक ही मिलिट्री बेस से ट्रेनिंग ली हुई थी। ऐसे में एक तो यह पहला लिंक बताया जा रहा है। आगे बोला जा रहा है कि दोनों ही अटैक मुख्तयः जो ट्रंप के समर्थक हैं, उन पर किया गया। अमेरिका में मेगा ग्रुप(MAGA- Make Again America Great) डोनाल्ड ट्रंप को सपोर्ट करते हैं। मेगा ग्रुप में इस समय सबसे बड़ा चेहरा ट्रंप और एलन मस्क की है। ऐसे में यहां पर इन दोनों को ही टारगेट किया गया है। इस तरह से अमेरिका में हुए दोनों हमलो को इसी तरह से जोड़कर देखा जा रहा है।

ट्रंप को मारने की कोशिश हो रही है ?

इन हमलों के बाद से डोनाल्ड ट्रंप के समर्थक यह मानकर चल रहे हैं, कि कहीं ना कहीं ट्रंप को मारने की साजिश चल रही है। पिछले साल भी ट्रंप पर जानलेवा हमले हुए थे, मगर उसमें वह बच गए। एक बार चुनावी सभा को संबोधित करते समय उन पर हमला हुआ था। इसके अलावा आगे भी दो और जगह पर उनके मर्डर की कोशिश करते हुए पाया गया। इसलिए ट्रंप के समर्थकों का मानना है कि इन हमलों से टेरर अटैक फैलाकर, उनके शपथ ग्रहण समारोह को रोकने की मनोवैज्ञानिक कोशिश की जा रही है। यहां पर यह संदेश ट्रम्प और मस्क दोनों को दी जाने की कोशिश की जा रही है।

अब डोनाल्ड ट्रंप तो 20 जनवरी को शपथ ग्रहण करेंगे। तो जो दृश्य आपको 2017 में उनके राष्ट्रपति बनते समय मिले थे, वैसा ही कुछ सीन इस बार भी होता नजर आने वाला है। मगर इस बार यह खास इसलिए भी हो जाता है, क्योंकि शपथ ग्रहण से ठीक 1 दिन पहले यानी 19 जनवरी को ट्रंप रैली को भी संबोधित करने वाले हैं। ऐसे में इस बात की संभावना है कि तब उनकी हत्या करने की कोशिश की जा रही हो।

डोनाल्ड ट्रंप रिपब्लिकन पार्टी से हैं। अमेरिका में दो ही पार्टी होती है जिनमें एक रिपब्लिकन और दूसरा डेमोक्रेटिक पार्टी। ऐसे में बोला यह भी जा रहा है कि ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में बहुत सारे डेमोक्रेट मेंबर्स इसकी बहिष्कार करने की धमकी दे रहे हैं। यह वैसे ही है जैसे भारत में भी कांग्रेस पार्टी हारने के बाद EVM धांधली का आरोप लगाते रहते हैं। मगर फिर भी यह सभी लोग प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में उपस्थित होते हैं।

अमेरिका में इस समय माहौल इतना गर्मी हुआ है जिससे वर्तमान राष्ट्रपति, जो बिडेन की पार्टी डेमोक्रेटिक पार्टी के बहुत से लोग, ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार करने की धमकी कर रहे हैं। मगर 2021 में बाइडेन के शपथ ग्रहण समारोह में ट्रंप भी शामिल नहीं हुए थे। आपको मालूम होगा कि ट्रंप की हार के बाद अमेरिका में काफी प्रोटेस्ट हुए और तब ट्रंप हेलीकॉप्टर से व्हाइट हाउस छोड़कर फ्लोरिडा के लिए रवाना हो गए थे। उस समय ट्रंप के समर्थकों के द्वारा काफी अशांति फैलाने की भी कोशिश की गई थी और वहां पर कैपिटल हिल पर भी हमले किए गए थे। तो उसी तरह से इस बार चूंकी राष्ट्रपति चुनाव ट्रंप जीते हैं, तो उनके समर्थकों का आरोप है कि विपक्ष और ट्रंप से नफरत करने वाले लोग ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में बाधा डालने की कोशिश कर रहे हैं। इसलिए बहुत से लोग यह भी कहते हुए पाए गए कि ट्रंप को लोगों के बीच शपथ नहीं लेनी चाहिए, बल्कि प्राइवेट में शपथ लेनी चाहिए, जिसका लाइव विराट कास्टिंग टेलिविजनों पर कर दिया जाएगा।

डोनाल्ड ट्रंप कई बार बोल चुके हैं कि राष्ट्रपति बनने के बाद पहले दिन से ही कठोर कदम उठाने वाले हैं। इसमें अमेरिका में जो अवैध अप्रवासी हैं, उन सभी को सेना की सहायता से बाहर करने की कोशिश करेंगे। अमेरिका में इस समय पर जो बड़े हमले हुए हैं, इसको लेकर ट्रम्प का कहना है कि अमेरिका में बाहर से अप्रवासी आ रहे हैं, मगर डेमोक्रेटिक पार्टी के लोग मेरी बात नहीं सुनते। जिससे इस समय पर पूरा देश इसका दुष्परिणाम भुगत रहा है।

निष्कर्ष

5 नवंबर को जब राष्ट्रपति चुनाव का परिणाम आया, उसके पहले ही रैंड कारपोरेशन के प्रेसिडेंट के सीनियर एडवाइजर का आर्टिकल बहुत पॉप्युलर हो रहा था, क्योंकि 31 अक्टूबर को यह पब्लिश हुआ और जिसमें बोला गया था कि चुनाव परिणाम और शपथ ग्रहण के बीच 76 दिन अमेरिका के लिए बहुत खतरनाक होने वाले हैं। इसको लेकर इस समय उनकी बातें कहीं ना कहीं सही लग रहा है और इस आर्टिकल में बोला गया था कि इस मौका का फायदा चाहे राइट विंग हो या लेफ्ट विंग हो, दोनों ही इसका लाभ उठाने वाले हैं और बहुत अधिक हिंसा करने वाले हैं और जिससे बहुत सारे छोटे-छोटे समूह भी इसका लाभ लेंगे और एक तरह से आतंक का माहौल बनाने की कोशिश करेंगे। अब देखना महत्वपूर्ण होगा कि 20 जनवरी को जब तक अमेरिका में ट्रंप राष्ट्रपति नहीं बन जाते, तब तक वहां और भी आतंकी हमले होते हैं या नहीं। मगर मुझे आशा है कि जो लगातार आतंक संबंधित अमेरिका से खबर आ रही थी, वह मैंने आपको बता दी। आप अपने सवाल और शिकायत हमें जरूर मेल कीजिए। धन्यवाद।

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