
परिचय
नमस्कार दोस्तों।दोस्तों पिछले कुछ समय से आपने नोटिस किया होगा कि हमारे देश में जो टेलीकॉम कंपनी है जिनमें एयरटेल , जिओ और वोडाफोन-आइडिया है। इन सभी ने काफी अपनी मनमानी कर रखी थी। मनमानी यह थी कि जिन लोगों के पास स्मार्टफोन नहीं है जिनके पास सिर्फ कीपैड फोन होता है जिसमें इंटरनेट उसे नहीं कर सकते। तो उस फोन में अगर आपको किसी से बात करनी है तो जो डाटा पैक का प्लान है सिर्फ वही आपके पास विकल्प था। उसके अलावा आप दूसरा कोई भी रिचार्ज कर ही नहीं सकते और इनकी संख्या देश में बहुत है। अभी भी तो अगर आप देखे तो इस समय भी करोड़ों ऐसे लोग हैं जो कीपैड फोन यूज़ करते हैं। ऐसे में सरकार ने इस पर ध्यान दिया और ट्राई नया नियम लेकर आया है जिसमें उसने टेलीकॉम ऑपरेटरों को साफ-साफ कह दिया है की आपको वॉइस कॉल और एसएमएस पैक भी अलग से लेकर आना पड़ेगा।आप उपभोक्ताओं को यहाँ मजबूर नहीं कर सकते कि आपको डाटा पैक लेना ही पड़ेगा चाहे वह उस डाटा को यूज करें अथवा नहीं। तो इसे डिटेल में बताएंगे कि यह पूरा मामला क्या है और किस प्रकार से यहाँ जिओ को बड़ा झटका लगने वाली है। तो काफी बातें बताएंगे। चलिए आगे बढ़ते हैं।
हुआ क्या है ?
चलिए सबसे पहले देखते हैं कि यहां पर एक्जेक्टली हुआ क्या है। टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने यहां पर टैरिफ नियमों में बदलाव किया है और यहां पर यह अनिवार्य कर दिया है टेलीकॉम कंपनियों को कि वह अपने कंज्यूमर्स को अलग से वॉइस, एसएमएस और डाटा प्लान निकाल कर दें। पहले तो ऐसे ही होता था कि लोग जब डाटा आज की तरह ज्यादा लोग इस्तेमाल नहीं करते थे तो उस समय पर आप कूपन से रिचार्ज करते थे। तो वहां पर आपका एक खास तरह का प्लान होता था जैसे ₹99, रु59, रु89 इत्यादि। तो जिससे आप किसी से बात कर पाते थे। तब जरूरी नहीं था कि डाटा लेना ही पड़ता हो क्योंकि तब डाटा काफी महंगा हुआ करता था जिसके लिए अलग से रिचार्ज करना पड़ता था। लेकिन बाद में धीरे-धीरे सभी टेलीकॉम कंपनियों ने क्या किया कि यहां पर डाटा को लेना अनिवार्य कर दिया। मतलब आपको डाटा पैक तो लेना ही पड़ेगा नहीं तो आप मोबाइल फोन यूज ही नहीं कर सकते हैं। लेकिन अभी इस नियम में बदलाव किया जा रहा है और यह बहुत से उपभोक्ताओं के लिए राहत की खबर है। इसके अलावा भी कुछ स्पेशल रिचार्ज कूपन होते थे जिस पर पहले 90 दोनों का कैप लगा होता था कि उसपर आपको उससे ज्यादा की वैलिडिटी नहीं होती थी। लेकिन अब से उसकी वैलिडिटी को बढ़ाकर ट्राई ने 365 दोनों का कर दिया है। वैसे मैं आपको बता दूं कि जो नया बदलाव लेकर आया गया है वह कंज्यूमर प्रोटक्शन रेगुलेशन(12वां संशोधन) 2024 और टेलीकम्युनिकेशन टेरिफ ऑर्डर (17वां) 2024 का है। जो नया नियम ट्राई लेकर आया है वह बेसिकली 30 दिनों के अंदर एक्टिव हो जाएगा मतलब अगले महीने 30 जनवरी तक इस नियम को लागू किया जा रहा है।
नियम में बदलाव क्यों हो रहा है ?
देखो जो डाटा मिले हैं टेलिकॉम ऑपरेटर से, उससे यह पता चला है कि अभी भी देश के अंदर लगभग 15 करोड लोग कीपैड फोन यूज करते हैं। मतलब उन्हें डाटा नहीं चाहिए क्यूंकि वो नेट नहीं यूज करते हैं। तो इसी की वजह से यहां पर ट्राई को लगा कि अगर अब भी लोग इतनी बड़ी संख्या में वॉइस कॉल और कीपैड फोन उसे करते हैं तो हम उन्हें जबरदस्ती डाटा पैक का विकल्प क्यों दे रहे हैं? इसलिए ट्राई ने कहा कि सभी कंपनियों को कम से कम एक जो स्पेशल टैरिफ वाउचर है, जो वॉइस और एसएमएस के लिए अलग-अलग होता है। तो उसे यहां पर इन कंपनियों को देना पड़ेगा। जिस पर अधिकतम वैलिडिटी अगर वह टेलीकॉम कंपनी चाहे तो उसे 365 दिन तक का कर सकते हैं। पहले यह वैलिडिटी अधिकतम 90 दोनों का ही होता था लेकिन इसकी अधिकतम लिमिट अब से 365 दिनों की की जा रही है।
अब यहां पर इससे फायदा यह होगा कि हमारे देश में जैसे कि हमने बताया कि 15 करोड़ 2G यूजर्स हैं। इसके अलावा बहुत से लोग ड्यूल सिम भी यूज करते हैं। मैं भी ड्यूल सिम यूज करता हूं। मतलब एक हमारा मेन सीम होता है जिसमें हमारा डाटा पैक वौइस् कालिंग होता है और जो दूसरा सिम होता है चाहे आप उसमें डाटा यूज करो या ना करो लेकिन फिर भी जबरदस्ती आपको उसमें डाटा पैक डलवाना पड़ता है उसको चालू रखने के लिए। लेकिन अब से ऐसा करने की जरूरत नहीं है। अब जो आपका मेन सिम है वह तो चल ही रहा है और दूसरा सिम में वॉइस रिचार्ज या SMS रिचार्ज अगर आप कर लेते हैं तो दूसरा सिम भी आपका आगे चलता रहेगा। वह बंद नहीं होगा। तो यह बहुत अच्छी बात है। इसके अलावा हमारे देश में बड़े-बुजुर्ग और गांव में अब भी लोग कीपैड फोन ही यूज करते हैं। ऐसे में अब से यूजर्स को उन्हीं सर्विस का रिचार्ज करना है जो वह यूज करते हैं।
टेलीकॉम कंपनियों का क्या कहना है ?
अब इसको लेकर जो टेलीकॉम कंपनी हैं वह बहुत नाराज हैं। उनका कहना है कि ऐसा नहीं होना चाहिए क्योंकि अब डाटा कम्युनिकेशन का पार्ट बन गया है जिसकी वजह से हमें इसे हटाना नहीं चाहिए और डाटा वाला रिचार्ज को ही आगे भी चलते रहने देना चाहिए। लेकिन हमारे देश में एक कंपनी ट्राई को सपोर्ट कर रही थी जो बीएसएनएल है। बीएसएनएल सरकारी कंपनी है। वैसे बीएसएनल का अब भी पूरे देश में 4G ऑपरेशन भी लॉन्च नहीं हुआ है। तो यह एक तरह से शर्म की बात है लेकिन बीएसएनल को इस पर ध्यान देना चाहिए और उसे अपनी सर्विसेज तेजी से बढ़ानी चाहिए क्योंकि पूरी दुनिया जहां 5G तक पहुंच गई है वहां बीएसएनल उन प्राइवेट कंपनियों से कैसे टक्कर ले पाएगा? तो यह अपने आप में एक बड़ा सवाल है। खैर जो भी है बीएसएनएल इस चीज को सपोर्ट कर रहा है और कह रहा है कि वॉइस कालिंग और एसएमएस का जो अलग-अलग पैक होता है उसे हम उपलब्ध कराएंगे। इससे पहले जितनी भी प्राइवेट कंपनियां हैं उनका यह कहना था कि जिस प्रकार का रिचार्ज प्लान इस समय बनाया गया है वह सभी यूजर्स को लाभ देता है। यहां ऐसा है कि जो कम डाटा इस्तेमाल करते हैं या डाटा का इस्तेमाल नहीं करते हैं वह सबसे कम डाटा पैक से रिचार्ज करवा सकते हैं। यहां पर जिओ, एयरटेल, वोडा-आइडिया सभी का ऐसा ही मानना था।
टेलीकॉम कंपनी जो ऐसी स्ट्रेटजी अपना रही थी उससे उन्हें काफी फायदा भी हो रहा था। क्योंकि इससे उनकी रेवेन्यू भी बढ़ रहा था। आप सोच कर देखिए कि जब 15 करोड़ यूजर्स डाटा यूज नहीं करते हैं लेकिन उन्हें फिर भी रिचार्ज डाटा वाला करना पड़ता था। ऐसे में उनका जो डाटा यूज भी नहीं होता था और लेकिन फिर भी उसका चार्ज लग जाता था। इसलिए इन कंपनियों को अच्छा पैसा मिल जाता था। लेकिन यहां पर ट्राई का कहना है कि यहां पर कीपैड फोन यूजर्स की संख्या बहुत अधिक है। अतः इसमें सुधार की जरूरत है।
यहां पर ट्राई ने एक और बात बोला की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई देश यह सुविधा अभी भी दे रहे हैं जिसमें वहां पर वॉइस कॉल,डाटा पैक और एसएमएस पैक का अलग रिचार्ज करना होता है। बांग्लादेश, पाकिस्तान और अमेरिका में भी इस समय वौइस् और एसएमएस पैक मिलता है। तो भारत में हम क्यों नहीं ऐसा कर सकते क्योंकि भारत में इतनी ज्यादा विविधता है जिसमें यहां पर हर तरह के यूजर्स मिलते हैं। तो ऐसा करना जरूरी था ऐसा ट्राई का कहना है।
जिओ, एयरटेल और एयर वी-आई
अब सवाल है कि इससे जियो और एयरटेल पर क्या असर पड़ेगा? देखिए जियो और एयरटेल कोशिश कर रहे थे कि देश में जितने भी यूजर्स हैं उन्हें 2G से 4G या 5G में अपग्रेड किया जाए। क्योंकि इनका अभी मुख्य उद्देश्य (ARPU) को बढ़ाना था। मतलब एवरेज में हर एक यूजर से यह कंपनी कितना रेवेन्यू वसूलते हैं, यह उनके लिए बहुत जरूरी है क्योंकि इन कंपनियों को लगता है कि इनका (ARPU) अब भी कम है। यह कितना कम है और उसे यह कितना करना चाहते हैं उसे मैं आगे आपको बताऊंगा लेकिन आपको बता दूं की जिओ ने पहले भी बोला था कि 2G भारत के ग्रोथ में बाधा बनी हुई है। आज से 4 साल पहले मुकेश अंबानी और जिओ के पॉलिसी मेकर्स ने कहा था कि अगर हम 2G सर्विसेस को खत्म कर दें तो देश में तेजी से डिजिटाइजेशन प्रोसेस आगे बढ़ेगा। हाल ही में रिलायंस इंडस्ट्री के अध्यक्ष ने कहा कि 5G यूजर्स और बढ़ जाएंगे अगर 4G की क्षमता को कम कर दिया जाए क्योंकि 4G से लोग 5G में आएंगे तो जो जगह 4G में खाली होगा वहां पर 2G यूजर्स को शिफ्ट किया जा सकता है। ऐसा ही भारती एयरटेल का भी कहना है कि वह लोगों को 2G से 4G की तरफ लेकर जाना चाहते हैं जिससे ज्यादा रिवेन्यू आए और यही बात वोडाफोन-आइडिया ने भी कही है।
आपको याद होगा जब पिछले महीने जियो और एयरटेल ने कीमत बढ़ाया था तो उससे काफी विवाद हुआ था। इसकी वजह से इनका (ARPU) रिवेन्यू पर यूनिट 15 से 17% तक बढ़ गया था। मैं आपको बताता हूं वित्त वर्ष 2023-24 के चौथी तिमाही (जनवरी-फरवरी और मार्च) के हिसाब से अगर आप देखे तो तब एयरटेल का ARPU 209 रुपए था लेकिन इसे बढ़ाकर वह 300 पर करना चाहते हैं। यही चीज जिओ का भी है जिसका ARPU अभी 200 से कम है। लेकिन यह भी इसे बढ़ाकर 300 के पार ले जाना चाहते हैं क्योंकि इनका कहना है कि इसकी वजह से इनको घाटा हो रहा है। अंतरराष्ट्रीय तौर पर बहुत से ऐसे देश हैं जहां पर ARPU काफी अधिक है लेकिन भारत ही एकमात्र ऐसा देश है जहां पर यह कम है। इसी वजह से प्रॉब्लम यह आने वाली है कि जो ट्राई ने फैसला लिया है कि अब से वॉइस कॉलिंग और एसएमएस का भी ऑप्शन होना चाहिए तो जो लोग पहले ज्यादा रिचार्ज करते थे उसे अब वह करेंगे नहीं करेंगे । ऐसे में अब से ARPU जिओ, एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया का प्रभावित हो जाएगा। तो इसीलिए यह इन ऑपरेटर के लिए एक बड़ा झटका है।
खैर मैं आपको एक बात और बता दूं कि ट्राई ने यहां पर जो फ्लैक्सिबल रिचार्ज प्लांस होते हैं उसे भी लेकर आने की बात की है। बेसिकली आपको याद होगा वाउचर रिचार्ज ₹10 या इसके मल्टीप्ल में ही होते थे। लेकिन अब यहां पर ट्राई ने कहा है कि कंपनियों को चाहे जो भी ऑप्शन रखना हो चाहे वह 45 रुपए का रखें या 63 रुपए का रखें या 89 रुपए का रखें। तो ऐसे ऑप्शन आपको यहां पर अबसे देखने को मिलेगा सकते हैं।
अब निष्कर्ष यह निकलता है की हजारों इंडियन यूजर्स को ट्राई के इस फैसले से फायदा होगा क्योंकि पहले जो डाटा पैक का भी पैसा पे करते थे वह उनका बचेगा और अब से टेलीकॉम कंपनियों को बैलेंस बनाकर चलना होगा जिससे उनका रेवेन्यू भी बढ़ सके और वॉइस कालिंग-एसएमएस की डिमांड भी आ सके। तो देखते हैं इसको लेकर क्या होता है। आप क्या सोचते हैं जरूर बताइए और अपनी सजेशन या क्वेरी हमसे कमेंट में पूछ सकते हैं।