Stock Market Fall: टैक्स छूट के बाद स्टॉक मार्किट फिर धड़ाम

परिचय

Stock Market Fall: दोस्तों 2025-26 के बजट में आपने गौर किया होगा जिसमें टैक्स को लेकर बहुत ज्यादा चर्चा हो रही है की जब टैक्स कम कर दिया गया, तो तब सबको लगा कि लोग ज्यादा खर्च करेंगे। तो उससे कंपनियों को फायदा मिलेगा।ऐसे में स्टॉक मार्केट को तो ऊपर जाना चाहिए था, मगर इसके उल्टे स्टॉक मार्केट अब भी गिर रहा हैं। तो आज हम इसको लेकर ही आपको बताएंगे कि आखिर यहां पर ऐसा क्यों हो रहा है, जिससे भारत का स्टॉक मार्केट बजट के बाद से भी गिर रहा है । वैसे तो भारतीय स्टॉक मार्केट बहुत लंबे समय से गिर रहा है लेकिन बजट के बाद तो और गिर गया है। तो इसी के बारे में आज हम बात करेंगे और आपको पूरी बात बताएंगे। चलिए शुरू करते हैं ।

पूरा मामला क्या है ?

देखिए 3 फरवरी 2025 को जैसे ही इंडियन स्टॉक मार्केट खुला, तो खुलते ही सेंसेक्स 700 पॉइंट नीचे गिर गया था। लेकिन उसके बाद धीरे-धीरे इसमें सुधार हुआ और शाम होते-होते लगभग 300 पॉइंट्स की गिरावट देखने को मिला। इसके कारण बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का जितना मार्केट केपीटलाइजेशन है, मतलब उसके पास जितना वैल्यू का पब्लिक शेयर है, वह 3/02/2025 सुबह से शाम तक 424 लाख करोड़ से 419 लाख करोड़ तक आ गई थी । मतलब कल 5 लाख करोड रुपए का सीधा-सीधा इंडियन स्टॉक मार्किट को नुकसान हुआ और पिछले बहुत दिनों से इसमें लगातार गिरावट जारी है। हालाँकि 4 फरवरी 2025 को मार्केट 10:30 AM को जब मैं ब्लॉग लिख रहा हूँ, तब यह (+530.86) से बढ़त के साथ 77,717.60 पर है ।

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यह महत्वपूर्ण क्यों है ?

यह महत्वपूर्ण इसलिए है क्योंकि बजट जिस तरह का आया है, तो उसमें टैक्स में छूट दी गई है। नए वित्त वर्ष में आपको ₹1200000 तक टैक्स में पूरी तरह छूट दी गई है। लेकिन अगर आप नौकरीपेशा करते हैं, तो आपको 75000 स्टैंडर्ड डिडक्शन भी मिलेगा। इसके कारण पब्लिक सोच रहे थे कि पॉजिटिव सेंटीमेंट आएगा, क्योंकि जो पैसा लोगों के पास बचेगा, तो वह उन पैसों को वो खर्च करेंगे और जिससे अंत तक कंपनियों को फायदा होगा। ऐसे में होना तो यही चाहिए था कि कंपनियों को फायदा मिलेगा, जिससे स्टॉक मार्केट बढ़ाना चाहिए था। मगर ऐसा होता नहीं दिख रहा है क्यूंकि स्टॉक मार्केट इस समय गिर रहा है।

स्टॉक मार्केट क्यों गिर रहा है ?

यहां पर बहुत सारे फैक्टर्स हैं जिन्हें बारी-बारी से मैं आपको बताता हूं। उनमें सबसे पहले है फॉरेन कैपिटल आउटफ्लो मतलब जो पैसा हमारे स्टॉक मार्किट से बाहर जा रहा है । सबसे पहले मैं आपको बता दूं कि साल 2024 के सितंबर के महीने से लगातार इंडियन स्टॉक मार्केट गिर रहा है, क्योंकि फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर (FII) लगातार इंडियन स्टॉक मार्केट से पैसे निकाल रहे हैं और 1 अक्टूबर 2024 से 1 फरवरी 2025 तक टोटल FII ने कुल मिलाकर 2.7 लाख करोड रुपए के आसपास शेयर बेचकर पैसे निकाल लिए हैं।

दूसरा जो फैक्टर स्टॉक मार्केट गिरने का बताया जा रहा है कि एफआईआई (FII) पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गैन टैक्स (LTCG) बढ़ाकर 12.5% कर दिया गया है। इसके चलते विदेशी निवेशक अभी यहां से पैसे निकाल रहे हैं ।लोकसभा चुनाव के बाद अगस्त 2024-25 का जो बजट पेश किया गया था, उसमें एलटीसीजी को 10% से बढ़ाकर 12.5% और एसटीसीजी को 15% से बढ़कर 20% कर दिया गया था। लेकिन तब यह सिर्फ इंडियन सिटीजन के लिए ही किया गया था, लेकिन 2025-26 के बजट में 1 अप्रैल 2025 से इसे एफआईआई (FII) के लिए भी लागू कर दिया जाएगा, जिसके चलते एफआईआई लगातार अब भी स्टॉक मार्केट से पैसे निकाल रहे हैं ।

अगला जो यहां पर स्टॉक मार्केट गिरने का कारण बताया जा रहा है, वह वैश्विक व्यापार में तनाव को बताया जा रहा है। ट्रम्प सरकार ने मैक्सिको और कनाडा पर टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया है, जिसमें उनके सामानों के इंपोर्ट करने पर 25% तक टैरिफ लगाया गया है। चीन पर भी 10% टैरिफ लगाया गया है। इसके कारण मैक्सिको, कनाडा और चीन ने भी अमेरिका पर वही टैरिफ बदले में लगा दिया है। इसके कारण ग्लोबल ट्रेड में टेंशन बढ़ रही है कि जैसे ट्रंप ने अभी इन देशों पर टैरिफ लगाए हैं, तो आगे भारत पर भी लगा सकते हैं और भारत भी अमेरिका पर लगा देगा। इससे विदेशी व्यापर पर नेगेटिव प्रभाव पड़ेगा और लोग घरेलू वस्तुओं की ही खपत करेंगे। इसके चलते ग्लोबल ट्रेड टेंशन बढ़ने का असर इंडियन स्टॉक मार्केट पर भी नजर आ रहा है।

अगला जो कारण शेयर मार्केट गिरने का बताया जा रहा है, वह यह है कि जब टैरिफ वॉर होती है, तो उसमें डॉलर पावरफुल हो जाता है। इसके कारण डॉलर अचानक से ऊपर चला गया है। जैसे ही कनाडा, मेक्सिको और चीन पर टैरिफ का ऐलान किया गया, तो उससे डॉलर इंडेक्स चढ़ गया है। मतलब उससे डॉलर मजबूत हो गया है और इसके चलते इंडियन करेंसी 87 रुपए को भी क्रॉस कर लिया है। ऐसा पहली दफा हो रहा है जिसमें $1=87.024 हो गया है । इसके पीछे की बड़ी वजह FII को ही माना जा रहा है, क्योंकि वह फिर से इंडियन स्टॉक मार्केट से पैसा निकाल रहे हैं और जब यही पैसा यहां से बाहर ले जाते हैं, तो वह डॉलर में ले जाते हैं जिससे डॉलर काफी स्ट्रांग हो गया है और रुपए कमजोर हो गया है।

आपको मालूम होगा कि आरबीआई के इस समय संजय मल्होत्रा नए गवर्नर बने हैं। ऐसे में मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी हर दूसरे महीने रिपोर्ट जारी करती है। तो जो फरवरी के दूसरे हफ्ते तक रिपोर्ट आ जाएगा, उसमें देखना होगा कि रेट्स कट होते हैं अथवा नहीं। क्योंकि डर इस बात को लेकर भी है कि बजट में जो ₹1200000 तक टैक्स छूट दी गई है, उससे लोगों के पास ज्यादा पैसे बचेंगे और जिससे वह सामानों को ज्यादा खरीदेंगे । इससे मार्केट में डिमांड बढ़ने से इन्फ्लेशन रेट भी बढ़ सकती है। ऐसे में अगर महंगाई दर बढ़ जाती है, तो रेपो रेट भी कम नहीं किया जाएगा । 2 साल से भी ज्यादा समय से रेपो रेट 6.5% पर ही स्थिर बना हुआ है और जब रेपो रेट कम होंगे, तभी लोन और इएमआई सस्ते होंगे ।

DONALD TRUMP

क्या भारत टैरिफ से बचेगा ?

एक महत्वपूर्ण बात आपको बता दूं कि इस बजट (2025-26) में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अमेरिकी सामानों पर टैरीफ को घटा दिया है। अगर आप भारत का टैरिफ देखे, तो पहले कुछ-कुछ सामानों पर 100% से डेढ़ सौ प्रतिशत तक भी हो जाता था। लेकिन ऐसा सभी सामानों पर नहीं था, यह कुछ ही सामानों पर था जिन पर 100 से 150% तक टैरिफ लगता था । लेकिन इसके कारण व्यापार को लेकर ट्रंप भारत पर लगातार आलोचना करते थे कि भारत हमारे ऊपर 100 से 150% तक टैरिफ लग रहा है । वैसे तो भारत सिर्फ दो से चार सामानों पर ही 100 से 150% टैरिफ लगाता था, लेकिन फिर भी यह अमेरिका को खटकता था ।

लेकिन अब से अमेरिका सामानों पर भारत अधिकतम 70% ही टैरिफ लगाएगा और यह 70% टैरिफ भी हम सिर्फ 30 वस्तुओं पर लगा रहे हैं, जबकि बाकी के जो सामान है कोयला, पेट्रोलियम, नेचुरल गैस इत्यादि पर जीरो से 7.5% टैरिफ ही हम अमेरिकन सामानों पर लगा रहे हैं । हार्ले डेविडसन को लेकर काफी चर्चा होती है, तो उस पर भी भारत सरकार टैरिफ कम कर दिया है। ऐसे में भारत सरकार संभव है कि प्रयास कर रही हो कि मैक्सिको, कनाडा और चीन पर जिस तरह से ट्रंप ने टैरिफ लगा दिया है, वैसा टैरिफ भारत पर ना लग पाए। ऐसे में भारत तो अमेरिका टैरिफ से बच जाएगा, मगर टैरिफ वॉर वैश्विक व्यापार के लिए सही नहीं है और यह स्टॉक मार्केट के लिए भी ठीक नहीं है ।

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