RBI REPO RATE: अब होगा पैसा ही पैसा !

2 साल बाद आरबीआई ने घटाया रेपो रेट

RBI REPO RATE: दोस्तों एक हफ्ते पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी ने बजट वर्ष 2025-26 के टैक्स स्लैब में काफी बड़ा बदलाव किया था और उसके द्वारा मध्यम आय वालों को बहुत बड़ी छूट दे दी थी, जिसमें बोला गया था की 12 लाख रुपए वार्षिक कमाने वाले को कोई टैक्स नहीं भरना पड़ेगा।उसके बाद सब की नजर आरबीआई के मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी के रिपोर्ट पर टिकी हुई थी । हर 2 महीने में इसकी बैठक होती है, जिसमें कुल 6 सदस्य होते हैं। शक्तिकांत दास पिछले 6 वर्षों से आरबीआई के गवर्नर रहे हैं लेकिन उनके बाद हाल ही में नए आरबीआई गवर्नर संजीव मल्होत्रा बने हैं। इनके अंदर में पहली एमपीसी की मीटिंग थी।इसलिए सभी लोग इस बात को लेकर गौर कर रहे थे कि वह रेट कम करते हैं अथवा नहीं। इसके बाद 5 साल के बाद रेपो रेट 0.25% कम करते हुए 6.25% पर रखी गई है। इससे माना जाता है कि इकोनॉमी को बूस्ट मिलेगा, क्योंकि एक तरफ बजट में टैक्स रिलीफ और दूसरी तरफ आरबीआई का रेपो रेट गिफ्ट दोनों एक साथ मिला है।

RESERVE BANK OF INDIA

यह क्यों इतना महत्वपूर्ण है ?

आपको मालूम होगा कि कोविड-19 के समय पर हमारी इकोनॉमी को बूस्ट देने के लिए रेपो रेट में लगातार कमी की गई थी। जिससे तब यह 4.0 प्रतिशत तक आ गया था जो 2022 के में तक काफी लंबे समय तक इतना ही रहा। लेकिन आगे जब महंगाई बढ़ने लगा, तब फिर से आरबीआई ने रेपो रेट को बढ़ा दिया जिससे तभी से अब तक यह 6.5% पर है। तो इस तरह से पिछले दो वर्षों से यह 6.5% पर था। इसलिए सभी लोग को इस बार एमपीसी की रिपोर्ट पर ध्यान से नजर रख रहे थे, क्योंकि 2 साल में पहली बार रेपो रेट घटाया गया है। इसलिए बोला जाता है कि यह अर्थव्यवस्था के लिए पॉजिटिव सिग्नल है।

इकोनॉमी को कैसे फायदा होगा ?

जब हम कहते हैं कि रेपो रेट कम कर दिया गया है, तो इसका मतलब यह हुआ कि पहले जितने दर पर आरबीआई कमर्शियल बैंकों को उधार देती थी, अब उससे भी कम दर पर उन्हें उधार देगी। मतलब यहां पर पहले जो 6.5% रेपो रेट था, अब वो 6.25% हो गया है। तो इसका साधारण सा मतलब यही है कि अब आरबीआई दूसरे बैंकों को 0.25% कम दर पर लोन देगी और आगे से यह बैंक भी अपने ग्राहकों को कम दर पर लोन देंगे, जिससे उनके EMI कम हो जाएंगे और इन ग्राहकों के पास अधिक पैसे खर्च करने के लिए रहेंगे, जो इकोनॉमी के लिए अच्छा रहेगा। अब यह ग्राहक अपने बचे हुए अतिरिक्त पैसों से मार्केट से चीज खरीदेंगे, जिससे उनकी डिमांड बनी रहेगी। तो इसके बाद अब से कार लोन, होम लोन पर्सनल लोन सस्ती होने वाली है।

जीडीपी ग्रोथ और महंगाई दर को लेकर क्या कहा ?

दिसंबर 2024 में आरबीआई ने भारत की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान वर्ष 2024-25 के लिए 7.52% से घटाकर 6.6% कर दिया था।आपने देखा होगा कि दूसरे तिमाही (जुलाई, अगस्त और सितंबर) में जीडीपी ग्रोथ रेट 5.4% आया था और तीसरी तिमाही (अक्टूबर, नवंबर औरदिसंबर) का रिपोर्ट फरवरी के अंत में आने वाला है। लेकिन हाल ही के आर्थिक सर्वेक्षण में हमारी जीडीपी ग्रोथ रेट 6.5 से 7% तक रहने का अनुमान लगाया गया, मगर आरबीआई हमारी जीडीपी ग्रोथ रेट 6.6% बता रही है और इसके आगे वर्ष 2025-26 में जीडीपी ग्रोथ रेट का अनुमान 6.7% लेकर चल रही है। इससे लगता है कि भारत में जीडीपी ग्रोथ रेट 7% से नीचे ही रहने वाली है।

लेकिन अगर खुदरा मूल्य सूचकांक की बात करें, तो बताया जा रहा है की वर्ष 2025-26 में CPI (उपभोक्ता मूल्य सूचकांक) 4.1 2% तक रहने वाली है, जो अच्छा है क्योंकि इसे 4 से 6 के बीच सबसे अच्छा माना जाता है। अगर ऐसा होता है तब तो ठीक है, लेकिन पिछले एक-दो वर्ष में देखें तो फूड इन्फ्लेशन बहुत अधिक हो गया है, जिसमे सब्जी और फल के दाम बहुत बढ़ गए थे। उससे हमारा टोटल इंफ्लेशन 7% से भी अधिक हो गया था। ऐसे में यहां लग रहा है कि इंफ्लेशन में थोड़ी नरमी आएगी।

अब पैसा ही पैसा ?

अगर आपको उदाहरण देकर बताओ कि अगर आपने 10 लाख रुपए 8.5% दर पर 10 वर्षों के लिए लोन लिया है, तो आपका EMI 12,399 बनेगा। लेकिन रेपो रेट जब 0.25% कम हो गया, तो आपका EMI 12265 रुपया बन जाता है । यहां पर आपका EMI 134 रुपया बचता है। यह राशि बहुत छोटी जरूर लगती है, लेकिन जब इसे आप 1 साल तक जोड़ कर देखेंगे, तो हर साल ₹1700 आपके जेब में बचता है और ऊपर से 12 लाख रुपए तक आपको टैक्स छूट भी दी गई है। इसके अलावा अगर आप सरकारी कर्मचारी हैं, तो 75000 स्टैंडर्ड डिडक्शन भी मिलता है। तो कुल मिलाकर अब से आपके पास पैसा ही पैसा होगा।


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