Pentagon exposes China: नहीं सुधरा चीन, LAC पर फिर से करने लगा हरकत,अमेरिका पोल खोल दी

नमस्कार दोस्तों, दोस्तों आप सभी को याद होगा 2020 के बाद जो गलवान वाली वाला घटना हुई  थि  उसके बाद से भारत और चीन के बीच बॉर्डर विवाद और बढ़ गया है। लेकिन इस पर हाल ही में एक अच्छी खबर आई थी कि भारत और चीन ने अपना सीमा विवाद को हल करने का फैसला कर लिया है और दोनों तरफ इतनी भारी संख्या में जो सैनिक तैनात हैं उन्हें हटा लिया जाएगा। तो  सचमुच यह एक अच्छी खबर थी लेकिन अमेरिकी रक्षा मुख्यालय पेंटागन से एक रिपोर्ट जारी की गई जो काफी चौंकाने वाली है। इसमें उसने चीन को एक्सपोज करते हुए कहा है कि उसने अभी भी 120000 सैनिकों को  भारतीय सीमा पर तैनात किए हुए है। तो आप सोचिए कि एक तरफ से खबर आती है कि भारत और चीन अपने संबंधों को सुधारना चाहते हैं लेकिन इसी बीच पेंटागन की रिपोर्ट कहती है कि अभी भी चीन  अपने एक लाख से ज्यादा सैनिकों को बॉर्डर पर तैनात किया हुआ है।  ऐसे में चिंता तो होती है कि क्या अमेरिका भारत को  भड़काने की कोशिश कर रहा है क्योंकि चीन का यही कहना है। तो इस पूरे घटना को इस ब्लॉग में समझेंगे कि यहां पर पेंटागन की रिपोर्ट में क्या-क्या बोला गया है और चीन की तरफ से क्या प्रतिक्रिया आई है। तो यह सब बातें आपको बताएंगे चलिए शुरू करते हैं|

हुआ क्या है ?

तो चलिए शुरू करते हैं और सबसे पहले देखते हैं कि एक्जेक्टली हुआ क्या है। यहां पर पेंटागन के द्वारा रिपोर्ट जारी की गई है जिसका नाम “मिलट्री एंड सिक्योरिटी डेवलपमेंट इंवाल्विंग थे पीपल रिपब्लिक ऑफ़ चाइना” है।तो यहां पर चीन से संबंधित जो मिलिट्री और सिक्योरिटी डेवलपमेंट हुआ है उसके बारे में पेंटागन रिपोर्ट जारी किया है। यह  रिपोर्ट  भारत के पर्सपेक्टिव से जो हमारे लिए काफी इंपोर्टेंट है। तो उसमें बोला गया है कि चीन अभी भी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर अपने सैनिकों को तैनात किए हुए हैं। आपको मालूम होगा की लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल यानी (LAC)  भारत और चीन के बीच की बाउंड्री है। तो इस रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि चीन अभी भी गलवान संघर्ष के बाद से अब तक मिलट्री एक्शन तेजी से लिया है और बताया जा रहा है कि चीन ने अब तक अपने सैनिकों को पीछे नहीं भेजा है चाहे भले ही भारत ने अपने सैनिकों को वापस बुला लिया हो। इसलिए यह काफी चिंताजनक बात हो जाती है।इसके अलावा चीन ने बॉर्डर पर इंफ्रास्ट्रक्चर और सपोर्ट फैसिलिटी को भी तेजी से बढ़ाया है जिससे आगे चलकर उसका बेनिफिट उसे मिल सके। पेंटागन के रिपोर्ट में बोला गया है कि चीन 1 लाख 20 हजार सैनिकों को 3488 किलोमीटर भारत-चीन सीमा पर तैनात किया हुआ है। तो एलआईसी की कुल लंबाई की अगर हम बात करें तो इसकी कुल लंबाई 3500 किलोमीटर है। तो एक तरह से  पुरे (LAC) पर कहीं ना कहीं चीन की मिलिट्री अरुणाचल प्रदेश से लद्दाख तक तैनात है। इतना ही नहीं यह भी बताया जा रहा है कि चीन ने बॉर्डर पर हैवी विपन सिस्टम जिसमें टैंक, होवित्जर, मिसाइल  और फाइटर जेट्स लगाकर रखे हुए हैं। इसके अलावा वहां पर बीस  संयुक्त सैन्य ब्रिगेड को भी कर भेजा गया है। तो इसलिए यह भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

पश्चिमी थिएटर कमांड पर नज़र

अब देखिए अमेरिका अपने रिपोर्ट में यह बोल रहा है कि चीन जो है वह पश्चिमी थिएटर कमान पर नजर जमा कर रखा हुआ है। पश्चिमी थिएटर कमांड क्या है कि आपको याद होगा बिपिन रावत जी जो पूर्व चीफ डिफेंस स्टाफ थे, उनकी दुर्घटना में मौत हो गई थी। लेकिन जब बिपिन रावत जी को CDS  बनाया गया था तो कोशिश यही था कि भारत में भी थिएटर कमान बनाया जाए। मतलब अलग-अलग सेक्टर के लिए एक कमान हो जिसमें आर्मी नेवी और एयरफोर्स सभी एक साथ हो जैसे चीन से निपटने के लिए हमें पूर्वी थिएटर कमान बनाना है। इसमें तीनों आर्मी इस पर फोकस केंद्रित करेंगे ।तो LAC  जो है वह तो भारत के दृष्टिकोण से पूर्वी भाग हो गया। इसलिए यह पूर्वी थिएटर कमान हो गया। लेकिन चीन की दृष्टि  से जो भारत का बॉर्डर है वह वेस्टर्न थिएटर कमान हो गया। तो यहां पर वेस्टर्न थिएटर कमांड में चीन और आक्रामक तरीके से सेना  तैनात कर रहा है। हल्के ही कुछ वर्षों में बोला गया है कि भारत चीन के बीच में जो सीमा है, उसको लेकर जो कन्फ्यूजन पैदा हुआ है उसका फायदा चीन उठाने की कोशिश कर रहा है। तो इस तरह के अमेरिकन रिपोर्ट से काफी मुश्किल हो जाता है जिसमें अमेरिका कह रहा है कि चीन की मिलिट्री अब भी LAC  पर तैनात है। लेकिन दोनों देशों ने अपनी-अपनी सैनिकों को वापस लाने की सहमति जाता चुके हैं। अब पेंटागन रिपोर्ट्स में कहां तक सच्चाई है उसे आगे देखना होगा।

चीन का परमाणु विस्तार में आधुनिकीकरण

लेकिन इस रिपोर्ट में और भी बहुत सी चीजों को बताया गया है। जैसे न्यूक्लियर एक्सपेंशन भी चीन  कर रहा है। तो जाहिर सी बात है कि उससे  भारत काफी परेशान रहेगा। बोला जा रहा है 2024 के मध्य तक चीन के पास 600 से ज्यादा ऑपरेशनल न्यूक्लियर वार  हेड थे और इसकी संख्या 2030 तक 1000 के पार पहुंच जाएगा। इसके अलावा चीन के पास जो न्यूक्लियर आर्सेनल है उसमें आपको रेंजेस  आफ वेपंस मिलेंगे जिसमें चाहे लो  यील्ड प्रोसेशन स्ट्राइक मिसाइल हो या मल्टी मेगाटन  इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल हो। तो इसलिए चीन से भारत को काफी सुरक्षा की चिंता है। इसके अलावा चीन स्पेस टेक्नोलॉजी में भी आगे बढ़ रहा है जिसमें डायरेक्ट एक्सेस एंटी सैटलाइट हो गया या  को ऑर्बिटल सैटेलाइट हो गया जिसकी मदद से वह दुश्मन के सैटेलाइट को खत्म कर सकता है। इसी के साथ में लेजर तकनीक भी चीन के पास आ गया है जिससे दूसरे देश को एक तरह से हराया जा सके। तो रिपोर्ट में बोला गया है कि चीन अपनी आर्मी को अत्याधुनिक बनाने पर जोर दे रहा है जिसमें चाहे जमीन हो,हवा हो, समुद्र हो न्यूक्लियर फील्ड हो, इलेक्ट्रॉनिक्स हो या फिर साइबर स्पेस हो तो हर जगह चीन अपनी आर्मी को मजबूत करने पर बोल दे रहा है।

ताइवान के साथ बढ़ता रस्साकस्सी

आगे बोला जा रहा है कि ताइवान के साथ चीन का तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। चीन और ताइवान के बीच एक जलसंधि है जिसे ताइवान स्ट्रेट कहा जाता है। तो इस रिपोर्ट में बोला गया है कि ताइवान स्टेट में चीन अपनी उपस्थिति तेजी से बढा  रहा है। जिसमें वह मिलट्री एक्सरसाइ आक्रामक रूप से करते रहता है। इसके अलावा चीन ताइवान को कब्जे करने के दावेदारी अब तक नहीं छोड़ा है और कहता रहता है कि ताइवान चीन का ही भाग है और उसे अपने में मिलाकर रहेगा। ऐसे में पेंटागन रिपोर्ट में बोला जा रहा है कि यह सब देखते हुए अमेरिका और चीन के बीच युद्ध हो सकता है क्योंकि अमेरिका चीन के मंसूबों को कभी कामयाब नहीं होने देना चाहता। इसलिए ऐसे में अगर चीन आक्रामक हो जाता है तो अमेरिका और चीन सीधे तौर पर संघर्षरत हो जाएंगे अब देखना होगा कि ऐसा होता है या नहीं।

चीन और रूस की सांठ-गाँठ

बेसिकली पेंटागन रिपोर्ट कहती है कि चीन अपना डायरेक्ट सपोर्ट रूस  की सेना  को दे रहा है जिससे वह यूक्रेन से लड़ सके। इसके लिए वह रूस को ड्यूल यूज आइटम्स लगातार भेज रहा है। यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किसी दूसरे देश को  जल्दी से दिया नहीं जाता है क्योंकि ये वो  आइटम्स  होते हैं जिनका सिविलियन और मिलिट्री परपज दोनों में उपयोग होता है। तो यहां पर रूस और चीन का वैश्विक हिट बढ़ गया है जिससे वह अमेरिका को काउंटर कर सके।

आगे रिपोर्ट में बोला जा रहा है कि चीन की मिलिट्री में बहुत ज्यादा करप्शन है और यह बात सही भी है। यहां पर जो सेंट्रल मिलिट्री कमीशन है जो पीपल लिबरेशन आर्मी को देखते हैं, वहां पर बहुत सारे करप्शन के केस  आए हैं। इसी साल जून में चीन के डिफेंस मिनिस्टर ली सान्ग फू को कम्युनिस्ट पार्टी  ऑफ़ इंडिया से  एक्सपेल्ड किया गया था। इसके बाद उनके उत्तराधिकारी वि  फेंगी  को भी एक्सपेल्ड कर दिया गया। इन घटनाओं की वजह से बीजिंग की दुनिया भर में जगहसाई हुई। लेकिन इसके बावजूद चीन काफी तेजी से अपनी मिलिट्री को आधुनिक करने में लगा हुआ है। वह अपने हथियारों को इतना आधुनिक कर लिया है कि अब से वह सीधे अमेरिका के टक्कर में आ गया है। तो यह सब पेंटागन रिपोर्ट में बताया जा रहा है।
लेकिन पेंटागन की रिपोर्ट को चीन एक सिरे से खारिज कर दिया है। चाइनीस मिलट्री ने कहा कि पेंटागन की जो रिपोर्ट है जिसमें हमारे पर जो करप्शन के चार्ज लगाए जा रहे हैं और सुना के आधुनिकीकरण को लेकर सवाल किया जा रहे हैं, इससे लगता है की  अमेरिका परेशान हो गया है। वह कहने की कोशिश कर रहा है कि अगर भारत चीन संबंध सुधार रहे हैं तो इससे अमेरिका की फटने लगी है। तो चीन का वास्तव में यही कहना है कि अमेरिका परेशान है ना कि चीन। ऐसा चाइनीस डिफेंस मिनिस्टर ने डायरेक्टली अमेरिका पर आरोप लगाया है और कहा है कि अलग-अलग प्रकार के मनगढ़ंत कहानी अमेरिका बना रहा है। यहां पर चीन के प्रवक्ता का तो यह भी कहना है कि पिछले 20 वर्षों से अमेरिका लगातार ऐसी रिपोर्ट जारी करता रहता है जिससे जानबूझकर पब्लिक के विचार को दिक्भ्रमित किया जा सके। वास्तव में अमेरिका खुद एक वार  एडिक्टेड कंट्री है जो दो पड़ोसी देशों को लड़ाता  आया है और दुनिया की शांति का बहुत बड़ा खतरा है।
 
तो ऐसा चीन की तरफ से प्रतिक्रिया आई है। अब देखते हैं आगे क्या होता है पर पिछले कुछ दिनों से जो चर्चा चल रही थी इस रिपोर्ट को लेकर वह आपको समझ आई होगी। अपने ओपिनियन हमें जरूर कमेंट में बताइएगा ।

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