परिचय
OLA-UBER CHARGE: दोस्तों अगर आप भी सोशल मीडिया इस्तेमाल करते हैं, तो आपने देखा होगा की बहुत से लोगों के द्वारा शिकायत किया जा रहा है कि मान लीजिए कि अगर आप blinkit से या swiggy से या instamart से कोई फल या सब्जी ऑनलाइन मंगा रहे हैं, तो उस केस में अगर आप आईफोन से आर्डर प्लेस करते हैं, तो तब आपको ज्यादा प्राइस दिखाता है लेकिन वही फल और सब्जी को जब आप एंड्रॉयड मोबाइल से आर्डर करते हो, तो कम प्राइस दिखता है । इसी तरह से बहुत से लोग यह भी कहते हैं कि अगर आप आईफोन का इस्तेमाल करते हैं और अगर आप ओला या उबर बुक करते हैं, तो आपको ज्यादा प्राइस पे करने को बोला जाता है लेकिन इसी रूट के लिए अगर आप ओला या उबर से कोई टैक्सी को एंड्रॉयड मोबाइल से बुक करते हैं, तब आपको कम प्राइस पे करने को बोला जाता है । तो इसको लेकर फाइनली सरकार ने एक्शन लिया है और उन्होंने नोटिस जारी कर दिया है ओला और उबर को, और पूछा है कि आप एंड्रॉयड और एप्पल फोन से ऑर्डर आने पर प्राइस अलग-अलग क्यों रख रहे हैं ? इसलिए यहां पर हमारे लिए यह जानना महत्वपूर्ण हो जाता है कि इसकी बैकग्राउंड स्टोरी क्या है , यहां पर कैसे प्राइस डिसाइड होता है और टेक्नीशियन का क्या कहना है, ये सारी बातें आज आपको बताएंगे और इससे आपको बहुत कुछ समझने को मिलेगा। चलिए शुरू करते हैं ।
पूरा मामला क्या है ?
देखिए डिपार्टमेंट ऑफ़ कंस्यूमर अफेयर्स ने सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटक्शन अथॉरिटी (CCPA) ओला और उबर को आईफोन और एंड्राइड में अलग-अलग कीमत रखने के लिए नोटिस जारी किया है। यहां पर बहुत से कंज्यूमर सोशल मीडिया के द्वारा शिकायत कर रहे थे जिसके चलते यह एक बहुत बड़ा ज्वलंत मुद्दा बन गया है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर कंज्यूमर अफेयर मिनिस्टर प्रहलाद जोशी ट्वीट कर बताया कि उन्होंने इस चीज को लेकर एक महीने पहले भी डिस्कस किया हुआ था और कहा था कि अगर इस तरह की चीजें की जा रही है, तो यह अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस के अंतर्गत आता है और आगे उन्होंने सीसीपीए को भी बोला था कि आप भी इसको लेकर कुछ जांच कीजिए और अगर ऐसा कुछ पाया जाता है तो इसे बंद कीजिए । इसलिए इन्होंने बोला है कि इसी को देखते हुए जो डिपार्मेंट आफ कंज्यूमर अफेयर के सीसीपीए (CCPA) के द्वारा हमने नोटिस जारी कर ओला और उबर से इस विषय पर जवाब मांगा है ।
ऐसा नहीं है कि अभी सरकार ने ओला और उबर पर कोई एक्शन ले लिया है और इन कंपनियों पर फाइन लगा दिया है । यहां पर सरकार इनको नोटिस भेज कर जानना चाहती है की इसके पीछे क्या सच्चाई है की सच में ऐसा हो रहा है अथवा नहीं ।
यूजर क्या कंप्लेंट कर रहे हैं ?

देखिए जो इंटरनेट यूजर्स है, उनका कहना है कि एक ही समय अगर आप एक ही रूट से ओला और ऊबर से कोई टैक्सी बुक करते हैं, तो उसका किराया आईफोन से अलग और एंड्रॉयड फोन से अलग दिखाता है। ये आर्डर मुंबई से हुआ था, जो एक यूजर ने शेयर किया है । इसमें आप देख सकते हैं की जब आप एंड्राइड से आर्डर करते हैं तो सिर्फ 290 रूपए चुकाने होंगे, लेकिन उतनी ही दुरी के लिए आईफ़ोन से आर्डर आने पर 342 रूपए चुकाने होंगे । ऐसे में आई फ़ोन यूजर को ये बात धोखा लग रहा था, जिसके चलते उन्होंने इसकी शिकायत की ।
बहुत लोग कह रहे हैं की आईफ़ोन काफी महंगे होते हैं । इसको चलाने वाले लोग काफी अमीर होते हैं । उन्हें पैसे की कोई दिक्कत नहीं होती हैं और वो 50-100 रूपए को लेकर नहीं झगड़ते हैं । लेकिन आईफ़ोन यूज करना आज ट्रेंड बन गया है । आजकल जिनकी सैलरी 20-25K है, वो लोग भी ईएमआई पर लेकर आईफ़ोन खरीदते हैं । ऐसे में जिनके पास पैसे नहीं भी होते हैं, वो भी एप्पल यूजर्स हैं । ऐसे में इसको लेकर यही बोला जा रहा है कि आईफोन यूजर्स के पास पैसे ज्यादा होते हैं, इसलिए ओला- उबर उनसे ज्यादा चार्ज ले रहे हैं।
कैसे प्राइस डिसाइड होता है ?
देखिये आज के डिजिटल समय में जितनी भी कम्पनीज मार्किट में हैं जिनमे चाहे ZOMATO-SWIGGY-OLA -UBER कोई भी कंपनी हों, तो इनके द्वारा जो प्राइस तय किये जाते हैं, वो बदलता रहता है । आप सभी ने एक्सपीरियंस किया होगा की जब भी आप OLA-UBER यूज करेंगे, तो वहां पर अगर एक मिनट पहले एक जगह से दूसरी जगह तक का किराया जितना था, वो अभी एक मिनट बाद ही बदल गया है । इसका मतलब यह है की ऑनलाइन चीजों की प्राइसिंग चेंज होती रहती हैं । ये एक ही डिवाइस पर भी लगातार चेंज होते रहते हैं ।कई आर आपको पता होगा की जब ज़्यादा ट्रैफिक हो जाती है तब भी किराया ज्यादा दिखा देता है ।
हाल में बहुत से मीडिया लोगो के द्वारा इसकी टेस्टिंग की गयी थी। तब बहुत से केस में देखने को मिला की आईफोन पर सही में ज्यादा प्राइस शो किये जा रहे थे । मगर बहुत बार एंड्राइड पर भी ज्यादा प्राइस दिखाए गए है । ऐसे में आप पूरी तरह से ऐसा नहीं कह सकते हैं की हमेशा आई फ़ोन में ही ज्यादा किराया शो होता है।
ओला-उबर ने क्या प्रतिक्रिया दी है ?
इस मामले पर ओला और उबर ने अपना स्पष्टीकरण दिया और बोला है की हम एंड्राइड और आईफ़ोन यूजर्स के लिए किसी भी तरह से प्राइस को लेकर भेदभाव नहीं करते हैं । यहाँ पर उबर के स्पोकसपर्सन का कहना है की हम सवारी के फ़ोन के आधार पर प्राइस तय नहीं करते हैं और हम CCPA की जांच में पूरी सहयोग करने के लिए तैयार हैं अगर उनको हमारी कंपनी के लिए किसी भी तरह की ग़लतफ़हमी है ।
तो दोस्तों ये था पूरा मामला ।अब देखना दिलचस्प होगा की सरकार इसको लेकर किस तरह की जांच करती है और आगे किस तरह का एक्शन लेती है । आप अपने सुझाव व शिकायत हमे जरूर बताइयेगा|
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