Mahakumbh Stampede: छवि ख़राब करने के लिए रची साजिश ?

पूरा मामला क्या है ?

Mahakumbh Stampede: दोस्तों प्रयागराज मह्कुम्भ से एक बहुत दुखद घटना सामने आई है । आप सभी जानते हैं कि 26 फरवरी तक प्रयागराज में महाकुंभ मेला चलने वाला है । लेकिन 29 जनवरी को सुबह-सुबह खबर आती है, की लगभग 2:30 बजे रात में वहां पर भगदड़ वाली स्थिति बन गई और जिसकी वजह से बहुत से लोग घायल हुए हैं और कुछ लोग की मौत तक भी हो गई है । बताया जा रहा है की भगदड़ की वजह से 40 लोग मारे गए और इससे भी ज्यादा घायल हुए हैं । यह घटना मौनी अमावस्या को घटी थी और यह दिन पुरे महाकुम्भ का सबसे महत्वपूर्ण दिन माना जाता है । क्यूंकि मह्कुम्भ 26 फरबरी तक चलेगा लेकिन इसमें बहुत अमृत स्नान होते है । 29 फरबरी को भी अमृत स्नान था और अगला अमृत स्नान 3 जनवरी को बसंत पंचमी के अवसर पर होगा । तो 29 फरवरी को अमृत स्नान करने लोग संगम तट पहुंचे थें । पहले अमृत स्नान को शाही स्नान भी बोला जाता था । लेकिन अब सरकार नाम बदल दिया और कहा की हम इसे अमृत स्नान कहेंगे । ऐसे में 29 फरवरी को मौनी अमावस्या के मौके पर करोड़ों लोग अमृत स्नान करने आये हुए थे ।

भगदड़ कैसे मचा ?

सबसे पहले आपको बता दूँ की अधिकारिगण यह मान रहे थे की मह्कुम्भ में मौनी अमावस्या को अमृत स्नान करने 9-10 करोड़ लोग आने वाले हैं । ऐसे में प्रयागराज के संगम तट पर 12 किलोमीटर तक घाट बनाये गए थे । इसमें 6 करोड़ से भी ज्यादा लोग 28 जनवरी को ही संगम तट पहुंच गए थे । इसके कारण बहुत से लोग त्रिवेणी घाट पर पहुंच गए थे । वैसे तो संगम तट पर बहुत सारे घाट हैं लेकिन जिनमें त्रिवेणी घाट सबसे महत्वपूर्ण है । तो त्रिवेणी घाट पर भीड़ अनियंत्रित हो जाती है जिसके बाद भगदड़ हो जाती है और लोग एक दूसरे के शरीर को रौंदते हुए आगे बढ़ते जाते हैं ।

देखिये सरकार जब भी ऐसा कोई प्रोग्राम आयोजित करती है, जिनमे बहुत सारे लोग आने वाले होते है, तो उसमे सरकार और प्रशासन को अनुमान होता है कि उसमे इतनी संख्या में लोग आएंगे । तो उसके हिसाब से ही व्यवस्था की जाती है । ऐसे में बोला जा रहा है की जहाँ पर अनुमान था की इतने लोग आएंगे, लेकिन वहां उससे भी ज्यादा श्रद्धालु पहुंच गए । जिसकी वजह से भीड़ अनियंत्रित हो गई जिसकी वजह से बैरियर टूट जाती है और चारों तरफ चीख पुकार मच जाती है ।

बैरिकेट टूटने की वजह से वहां पर पैनिक जैसा सिचुएशन श्रद्धालुओं में हो गया था । वहां पर जो लोग मौजूद थे, उनका कहना है कि बहुत से लोग तो वहां पर सो रहे थे । लेकिन तभी वहां पर बैरिकेट टूटता है, जिसकी वजह से भीड़ अनियंत्रित हो जाती है । तब लोगों को समझ नहीं आ रहा था कि यहां पर हो क्या रहा है और अचानक से पूरा भीड़ इधर-उधर भागने लगती है । इसमें बहुत से लोग घायल हो गए थे और इसको देखते हुए जो श्रद्धालु घायल थें, उन्हें तुरंत इलाज के लिए बैली हॉस्पिटल और स्वरूपरानी हॉस्पिटल ले जाया गया ।

प्रत्यक्षदर्शियों का क्या कहना है ?

प्रत्यक्षदर्शियों क्या कहना है कि रात के 2:30 बजे के आसपास बहुत बड़ा क्राउड संगम की तरफ जा रहा था ताकि वह संगम घाट में अमृत स्नान कर सके । लोग काफी दूर से संगम आये हुए थे इसलिए वे लोग वहां पर रात को 2:30 बजे से ही स्नान करने पहुंच गए ।

यहां पर सबसे बड़ी समस्या थी कि जो लोगों वहां पर मौजूद थे, उनके द्वारा बोला जा रहा है कि क्राउड में बहुत सारे ऐसे लोग थे जिन्हें समझ नहीं आ रहा था कि उन्हें स्नान करने के लिए किस तरफ जाना है और आप जानते ही हैं की बहुत सारे विदेशी सैलानी भी इस महाकुंभ में शामिल होने के लिए आ रहे हैं । तो कई लोग उस भीड़ में ऐसे भी थे, जो बहुत दूर से आए थे और वह अपने सर पर अपना सामान भी रखे हुए थे । इसलिए यह एक बहुत बड़ी समस्या हो गयी क्योंकि एक तो उन्होंने अपने सर पर अपना सामान रखा हुआ था और दूसरी आगे की तरफ जो एरिया है, वहां पर कुछ एरिया में सरकार ने आयरन डस्टबिन लगाए हुए हैं, तो बहुत से लोगों को वह डस्टबिन दिखा ही नहीं, जिसकी वजह से कुछ लोग बैलेंस खो कर गिर पड़े और जिसकी वजह से उनका सामान बिखरा हुआ था । तो वहां पर कुछ ऐसा सिचुएशन अलग अलग तस्वीरों में सामने आ रहा था । इसके बाद ये लोग अपना सामान उठाने के लिए झुके लेकिन पीछे से भीड़ धक्का दे रही थी जिससे ये लोग गिर गए और लोग इनपर चढ़कर आगे बढ़ते रहें ।

एक प्रत्यक्षदर्शी श्रद्धालु बोला की वो भी गिर गया था, लेकिन जैसे-तैसे उसने खुद को संभाला और अपने परिवार वालों को बचाया । तब अचानक पता चलता है की भीड़ को पीछे से धक्का दिया जा रहा था और उसकी वजह से भगदड़ की स्थिति देखने को मिला ।

सरकार का क्या कहना है ?

इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात किया और सभी आवश्यक मदद देने का भरोसा दिलाया । इसके साथ में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जी ने भी बात किया और बोला की केंद्र की तरफ से जरुरी सभी चीजें हम उपलब्ध कराएँगे ।

दुर्घटना होने के बाद योगी आदित्यनाथ ने अखाडा परिषद् से बातचीत की और उसमे सभी अखाड़ों के अमृत स्नान को कैंसिल कर दिया । सभी अखाड़ों का अमृत स्नान को लेकर समय पहले से ही तय कर दिया जाता है। मतलब सुबह 5-6AM के बीच जूना अखाडा के साधु स्नान करेंगे, 6-7AM के बीच निर्मोही अखाड़े के साधु स्नान करेंगे, तो इसी तरह से सभी अखाड़ों का शेडूअल निर्धारित होता है । अभी तक इन अखाड़ों ने कभी भी अपना स्नान रद्द नहीं किया है लेकिन इन अखाड़ों के स्नान कराने के लिए पूरा रास्ता खाली कराना पड़ता है । लेकिन इस समय स्थिति काफी अलग है इसलिए हम ज्यादा पैनिक सिचुएशन नहीं बनाने देना चाहते।

अखाडा परिषद में कुल 13 अखाड़े आते हैं । आदिगुरु शंकराचार्य ने धर्म की रक्षा के लिए ऐसा संगठन बनाया था । इन अखाड़ों में शामिल साधु संत हिन्दू धर्म के पवित्र ग्रंथों की रक्षा के साथ धार्मिक स्थलों की भी रक्षा करते हैं ।

कुम्भ मेला में भगदड़ साजिश : धीरेन्द्र शास्त्री

प्रयागराज महाकुम्भ पर पंडित धीरेन्द्र शास्त्री का भी बयान सामने आया है । मौनी अमावस्या के दिन अमृत स्नान से पहले मचे भगदड़ को बागेश्वर धाम सरकार ने साजिश बताया है । समाचार एजेंसी एएनआई से उन्होंने कहा की महाकुम्भ में भगदड़ जानबूझकर कराया गया है । यह एक बहुत दुखद घटना है और इसमे हिन्दुओं की छवि ख़राब करने की कोशिश की गयी है । आगे उन्होंने कहा की तन रहेगा तो वतन रहेगा, तन रहेगा तो सनातन रहेगा । इसलिए उन्होंने श्रद्धालुओं से संगम घाट पर ज्यादा भीड़ नहीं लगाने की अपील की और आगे कहा की आपलोग जरूरी नहीं कि सभी लोग एक ही दिन आकर स्नान करें बल्कि आप दूसरे दिन भी आकर स्नान कर सकते हैं ।

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