Los Angeles wildfire: क्यों जल रहा कैलिफ़ोर्निया ?

परिचय

Los Angeles wildfire: दोस्तों, इस समय अमेरिका के कैलिफोर्निया में भयंकर दुर्घटना देखने को मिल रही है जहां पर वीडियो और फोटो में दिखाया जा रहा है कि किस तरह से अमेरिका का जो कैलिफोर्निया शहर है उसकी बिल्डिंग और इमारतें जलकर नष्ट हो रही है। मगर इस पूरी घटना का कारण अब तक समझ से पड़ी है कि यह आग मानवीय कारण से लगी या प्राकृतिक कारण से। मगर इस आग को लगाने में सांताऐना हवा के योगदान की काफी चर्चा हो रही है। आज के ब्लॉग में हम आपको बताएंगे कि शांताऐना हवाएं क्या है, इसका क्या दुष्परिणाम होता है, दुर्घटना से कितना नुकसान हुआ है और आग को बुझाने में प्रशासन क्या कर रहा है। यहां बहुत सारी बातें जानने योग्य हैं। चलिए शुरू करते हैं और आपको बताते हैं कि अमेरिका के कैलिफोर्निया में इस समय क्या चल रहा है।

मामला क्या है ?

मामला यही है कि दक्षिण कैलिफोर्निया में भडकी जंगली आग में जलकर अब तक 16 लोगों की मौत हो गई है और हजारों लोग घायल हो गए हैं। आग लगने के कारण उपजाऊ जमीन और इमारतें तबाह हो गई, जिसके चलते लॉस एंजेलिस से दो लाख से भी ज्यादा लोगों को निकाल कर सुरक्षित जगहों तक पहुंचाया गया है। ऐसे में आप कह सकते हैं कि अमेरिका में बड़ा मानवीय संकट देखने को मिल रहा है। सोशल मीडिया पर बहुत सारी फुटेज इस समय वायरल है, जिनमें आपको यह आग लंबे क्षेत्र में लगते नजर आ रहे हैं। इस आज की वजह से घर जलते नजर आ रहे है और पूरा शहर भी जलता नजर आ रहा है। इसके चलते लॉस एंजेलिस की स्थिति काफी खराब है। अब आगे बढ़ते हैं और देखते हैं की संतान हवा की इसमें क्या भूमिका होती है।

संताएना हवाओं की क्या भूमिका है ?

बोला जा रहा है कि आग की घटना होने की शुरुआत का कोई अता पता नहीं है। मगर उस आग को भड़काने में शांताऐना हवाओं की भूमिका बताई जा रही है। इन हवाओं को के बारे में थोड़ा सा आपको बताते हैं कि यह हवाएं दक्षिण कैलिफोर्निया में एक घाटी है, जिसका नाम शांताऐना घाटी है। उसके नाम पर इस हवा का नाम रखा गया है। अगर आपने ज्योग्राफी पढी है, तो आप आसानी से इन हवाओं को अच्छे तरीके से समझ सकते हैं।

शांताऐना हवाएं दक्षिणी कैलिफोर्निया में शुष्क और गर्म हवाएं हैं, जो मरुस्थल से आती है जिसमें पश्चिमी USA का ग्रेट बेसिन भी शामिल है। इसके उत्पत्ति की बात करें तो शांताऐना हवा तब चलती है, जब ग्रेट बेसिन यानी रॉकी पर्वत और सियार नवादा के बीच के क्षेत्र में उच्च दाब वाला क्षेत्र पैदा होता है और कैलिफोर्निया के तट पर एक निम्न दबाव वाला क्षेत्र बनता है। यह तो किताबें बातें हैं लेकिन इसका मतलब आपको बताते हैं।

इसका मतलब यही है कि ज्योग्राफी में हम पढ़ते हैं कि जो हवाएं हैं वह उच्च दाब क्षेत्र से निम्न दाब वाले क्षेत्र की तरफ चलती है। जब किसी जगह पर तापमान बहुत बढ़ जाता है, तो उस जगह पर निम्न दाब क्षेत्र बन जाता है और जब किसी जगह पर तापमान बहुत घट जाता है, तो उस जगह पर उच्च दाब क्षेत्र बन जाता है। ऐसे में दक्षिणी कैलिफोर्निया के तटवर्ती क्षेत्र में निम्न दाब का क्षेत्र बनता है जबकि रॉकी पर्वत और सियरा नेवादा के बीच के क्षेत्र में निम्न दाब का क्षेत्र बन जाता है क्योंकि हवाएं उच्च दाब से निम्न दाब वाले क्षेत्र की तरफ चलती है। यहां पर भी हवाएं रॉकी पर्वत और सियरा नेवादा के बीच के क्षेत्र से दक्षिणी कैलिफोर्निया तक आने लगती है।

इन हवाओं की खासियत है कि यह हवाएं ऑफशोर विंड है। मतलब यह हवाएं महाद्वीप से समुद्र की तरफ आ जाती है और दूसरी तरफ एक हवा होती है ऑनशोर विंड, जो समुद्र वाले क्षेत्र से महाद्वीपीय क्षेत्र की और गतिशील रहती है। ऑनशोर विंड की विशेषता यही है कि ऑन शोर विंड में नमी मौजूद होती है, लेकिन ऑफशोर विंड में बहुत कम नमी मौजूद रहती है, जिससे जब यह हवाएं लॉस एंजेलिस वाले क्षेत्र तक पहुंचती है तो वहां पर यह हवाएं बहुत गर्म हो जाती है। इसके चलते दक्षिणी कैलिफोर्निया वाले क्षेत्र में बारिश बहुत कम होती है। कभी-कभी यहां पर हवाओं की आद्रता 20% से भी नीचे आ जाती है। इसके चलते यहां के पेड़-पौधे व वनस्पति सूख जाते हैं। जिससे यह जलने लग जाती है और इन गर्म और शुष्क हवाओं के चपेट में आकर इस पूरे जंगल में इस समय आग लगते देखे जा रहे हैं।

शांतऐना हवाएं अक्टूबर से जनवरी तक चलती है। इस समय जनवरी का महीना है। इसके कारण अमेरिका में आग की घटना देखी जा रही है जिसके चलते उसे रोक पाना बहुत कठिन लग रहा है क्योंकि शांतएना हवाएं लगातार चलती नजर आ रही है जो कि आग को एक जगह से दूसरे जगह पर ले जा रही है और सुखी वनस्पति उसके लिए ईंधन का काम कर रहे हैं। तो यह भूमिका शांताऐना हवा की देखी जा रही, जिसकी वजह से लॉस एंजेलिस में आग और भड़क रहा है।

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जलवायु परिवर्तन की भूमिका

अगर जलवायु परिवर्तन की भूमिका की बात करें तो कैलिफोर्निया में जून और जुलाई सबसे गर्म महीना रहता है। मगर 2024 में अक्टूबर सबसे गर्म महीना रहा। मतलब कैलिफोर्निया में जलवायु परिवर्तन का असर दिखता नजर आ रहा है। दक्षिणी कैलिफोर्निया में जुलाई से अब तक वर्षा नहीं हुई है। तो काफी लंबे समय से यहां पर वर्षा होती नहीं देखी है और बारिश का मौसम अब तक बीत चुका है। इससे वहां पर इस क्षेत्र में लगातार प्रॉब्लम होते दिखाई दे रहा है।

यहाँ सूखे की समस्या रहती है और इस समय पर 1970 के दशक से दोगुनी आग की घटना होती दिख रही है। कैलिफोर्निया के इतिहास में 10 आग की घटनाएं पिछले 20 वर्षों में ही रिकॉर्ड की गई है। इसमें से अकेले जो सबसे बड़ी पांच घटनाएं हैं, वह सिर्फ 2020 में गठित हुई थी। मतलब अमेरिका में आग लगने की घटनाएं पिछले कुछ वर्षों से बढ़ती दिख रही है। इसके चलते पिछले कुछ वर्षों में ग्लोबल वार्मिंग काफी बड़ी है।

आप सिर्फ कैलिफोर्निया की ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया की बात करें, तो दुनिया भी इस समय पर जलवायु परिवर्तन के संकट से गुजर रहा है। ऐसे में भी अमेरिका में ऐसे राष्ट्रपति को चुना गया है जो जलवायु परिवर्तन का कॉन्सेप्ट स्वीकार ही नहीं करते। वह यह मानते हैं कि जलवायु परिवर्तन जैसा कुछ होता ही नहीं है। तो यही हमारी सबसे बड़ी समस्या है कि हम अपनी गलती को नहीं मानते हैं और उसके दुष्परिणाम कैलिफोर्निया में आग की घटना के तौर पर होते नजर आ रहे हैं।

पिंक अग्नि रोधन क्या है ?

कैलिफोर्निया के जंगलों में लगी आग को रोकने के लिए पिंक अग्नि रोधन का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह जंगली आग को धीमा करने या उसे बुझाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसके रासायनिक संरचना की बात करें तो इसमें अमोनिया पॉलिफास्फेट जैसे लवण होते हैं, जो जल्दी से वाष्पित नहीं होते हैं और वनस्पति को आग से जलने में बचाते हैं। मतलब वनस्पतियों पर इसकी लेयर चढ़ा दी जाती है जिससे आग लगने से रोका जा सके। तो यह आग को रोकने में मददगार होता है।

इसके अलावा इसके नाम में पिन्क मौजूद है। जब आग लगती है तो विजिबिलिटी घट जाती है। इसलिए उस विजिबिलिटी को सही रखने के लिए यहां पर पिंक रंग को लगाया जाता है जो अग्निशामकों को आग की रेखाएं बनाने में मदद करता है। मतलब जब आपको मालूम ही नहीं होगा कि कहां पर आग लगी है और कहां पर आग नहीं लगी है, तो आप आग को कैसे बुझा पाएंगे। तो इस समस्या को सुलझाने के लिए यहां पर इसके मिश्रण में पिंक कलर का इस्तेमाल होता है, जिससे विजिबिलिटी बढ़ जाती है।

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