परिचय
दोस्तों नया बजट पेश होने में अभी सिर्फ एक महीने का समय रह गया है। लेकिन इस समय पर मीडिया में जिस तरह की खबरें चल रही है उससे सबको लगता है कि नए बजट में मिडिल क्लास के लिए बहुत बड़ी खुशखबरी है क्योंकि बताया जा रहा है जिनकी आमदनी 15 लख रुपए तक की है उन्हें टैक्स छूट मिल सकता है। आपको मालूम होगा कि इस समय अगर आप 7 लख रुपए कमाते हैं 1 साल में तो उसमें आपको कोई टैक्स देने की जरूरत नहीं है। मगर इस लिमिट को बढ़ाकर संभव है कि सरकार 15 लख रुपए तक कर दे। मतलब जिनकी आमदनी 15 लख रुपए तक की है उन्हें तब कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा ।अब सवाल यह बनता है कि आखिर सरकार ऐसा करने की सोच क्यों रही है और Income tax india लिमिट को 7 लख रुपए से 15 लख रुपए करने की से क्या फायदा देखने को मिलेगा? तो यह सारी बातें आपको इस लेख में बताऊंगा चलिए आगे बढ़ते हैं।

हुआ क्या है ?
तो आपको सबसे पहले बताते हैं कि यहां पर आखिर हुआ क्या है? आपको मालूम होगा कि हर साल पहली फरवरी को बजट वित्त मंत्री के द्वारा पेश किया जाता है। तो ऐसे में बोला जा रहा है जो खबर मीडिया में सर्कुलेट हो रही है कि अगर आप 15 लख रुपए तक 1 साल में कमाते हैं तो संभव है कि आपको Income tax india में बहुत बड़ा छूट मिलेगा। ऐसा भी हो सकता है कि अगर सरकार कोई कठोर कदम उठाती है तो संभव है 15 लाख तक कमाने वालों को कोई टैक्स ही ना देना पड़े। अब यह फैसला लिया जाता है या नहीं वह तो आगे की बात है लेकिन इससे मिडिल क्लास के लोगों को बहुत राहत मिल सकती है और इससे अंततः जो फायदा होगा वह यह कि देश में मार्केट बढ़ेगा। मतलब इस समय पर जो देश में मंदी छाई है उससे हमें छुटकारा मिल सकेगा क्योंकि लोगों को जब टैक्स कम देना पड़ेगा तो वह अपनी जरूरत के समान खरीदेंगे जिससे हमारा मार्केट बढ़ेगा। अगर यह लागू हो गया तो इससे लाखों टैक्सपेयर्स को फायदा होगा खासकर वह टैक्सपेयर्स जो शहर में रहते हैं जहां पर लिविंग कॉस्ट और मुद्रास्थिति काफी उच्च होती है। ऐसे में इनको बड़ी राहत मिल सकती है।
देखिए मैं आपको बताता हूं कि 2020 में एक नया टैक्स सिस्टम लेकर आया गया था। इस समय देश में एक ओल्ड टैक्स रिज्यूम और न्यू टैक्स रिज्यूम चल रहा है। आप अपनी इच्छा से कोई भी इस समय टैक्स रिज्यूम को चूज सकते हैं। इसमें से अगर आप पुराना टैक्स वाला रिजीम चुनते हैं तो उसमें आपको बहुत सारी छूट मिलेंगे। जैसे यहां पर इंश्योरेंस, हाउसिंग पर छूट की दावेदारी कर सकते हैं लेकिन अगर आप नया टैक्स रेजीम चुनते हैं तो उसमें आपको बहुत कुछ झूठ नहीं मिलती है। तो जो लोग छूट नहीं पाना चाहते हैं उनके लिए सबसे अच्छा नया टैक्स रिजीम है। लेकिन जो लोग छूट लेना चाहते हैं उनके लिए अभी भी पुरानी वाली टैक्स सिस्टम ही है। नए वाले टैक्स रेजीम में अगर आपकी आमदनी सात लाख रुपए तक है तो आपको कोई भी टैक्स देने की जरूरत नहीं है लेकिन अगर आपकी आमदनी 15 लख रुपए है तो यहां पर आपको टैक्स 3 लाख के ऊपर से ही देना पड़ेगा जिसमें तीन लाख से 6 लाख के बीच 5%, 6 लाख से 9 लाख के बीच 10%, 9 लाख से 12 लाख के बीच 15%, 12 लाख से 15 लाख के बीच 20% और 15 लाख से ऊपर जितनी भी आपकी आमदनी होगी उसे पर 30% टैक्स सरकार लेती है। तो इसलिए बोला जा रहा है कि 15 लाख तक आपके यहां पर 5% से 20% तक टैक्स लगता है। इसलिए जो रिलीफ देने की बात होती है तो सरकार 15 लाख रुपए वार्षिक कमाने वाले लोगों को अच्छा खासा राहत देने वाली है। तो ऐसे में हम नए टैक्स रेजीम की चर्चा कर रहे हैं। तो नई टैक्स व्यवस्था में इस बार सरकार कुछ हद तक छूट दे सकती है।
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इसका क्या काऱण है ?
अब आपको जानना चाहिए कि सरकार ऐसा क्यों करने वाली है? देखिए आप जानते हैं कि इस समय भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकोनॉमी है लेकिन हाल ही में जो जीडीपी ग्रोथ के आंकड़े आए थे वह बहुत ही नीचे आ गया था। इसमें दूसरी तिमाही का ग्रोथ रेट सिर्फ 5.4 था लेकिन इसे बहुत से अर्थशास्त्री 6% से ऊपर का अनुमान लेकर चल रहे थे। ऐसे में यह बहुत बड़ी चिंता बताया जा रहा है क्योंकि हमारा खपत कम हुआ है। इसका मतलब यह हुआ कि इस समय पर फूड इन्फ्लेशन उच्चतम स्तर पर है जिससे लोग खर्च नहीं कर पा रहे हैं ।आपने देखा होगा की गाड़ियों की बिक्री भी काफी कम हो गई है। ऐसे में बताया जा रहा है कि जो पब्लिक है, उनकी जेब में पैसे ही नहीं है जिससे वह चीजों को खरीद नहीं पा रहे हैं। इसके अलावा कुछ नाम गिरामी संस्थाएं जैसे एशियन डेवलपमेंट बैंक भारत के आर्थिक विकास दर का अनुमान भी कम कर दिया जो पहले 7% तक बताते रहते थे।आरबीआई ने भी बोला था कि वित्त वर्ष 2024-25 में हमारी जीडीपी ग्रोथ 7.2 हो सकती है लेकिन उसे गिराकर अब 6.6 कर दिया है। इसलिए सरकार को भी चिंता है कि हमारी जीडीपी ग्रोथ रेट घट रही है और उसको बढ़ाने के प्रयास में लगी हुई है। इस समय सरकार पर मिडिल क्लास खूब दबाव बना रहे हैं। आपने देखा होगा कि सोशल मीडिया पर मीम्स बनते हैं। वहां पर बोला जाता है कि सरकार हमसे इतना टैक्स ले रही है और साथ में महंगाई भी इतना ज्यादा है। इसको ध्यान में रखते हुए अबकी बार सरकार कुछ ऐसे बड़ा कदम लेकर आना चाहती है।
एक बात और मैं बता दूं कि सरकार जो इनकम टैक्स वसूलते हैं वह सबसे अधिक उन लोगों से वसूलते हैं जो 10 लाख तक कमाते हैं। उन्हें कम से कम टैक्स देना पड़े तो इससे रेवेन्यू पर ज्यादा असर भी नहीं पड़ेगा। इसलिए ऐसे में सरकार यह प्रयास करती है कि जिनकी आमदनी 10 लाख के ऊपर है उनसे ही टैक्स संग्रह किया जाए। बाकी के लिए छूट कर दी जाए। इसका फायदा यही होगा कि इससे डिमांड-सप्लाई बढ़ेगा जो मिडिल क्लास के लिए राहत लेकर आएगा और अंततः हमारा जो जीडीपी ग्रोथ है वह भी बढ़ सकेगा।
हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी इसी हफ्ते नीति आयोग में बहुत से अर्थशास्त्रियों से मुलाकात की थी और यहाँ अर्थशास्त्रियों ने उनको सुझाव भी दिया कि हमें इनकम टैक्स रेट्स में कमी करनी चाहिए। जैसा कि आपको पता है की इस समय 7 लाख तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं है। तो मीटिंग में बोला गया की इसे बढ़ाकर 8 लाख कर देनी चाहिए। अब यह देखने वाली बात है कि 1 फरवरी को जो बजट आएगा उसमें क्या-क्या होता है। अभी इसको लेकर कोई निर्णय नहीं हो सका है मगर यह सभी निर्णय बजट पेश करते समय ही लिया जाएगा।
इसके अलावा भी मैं आपको एक चीज और बताता हूं। अब देखिए आर्थिक मंदी आया भारत के अंदर जिसमें दूसरी क्वार्टर( जुलाई अगस्त सितंबर) का जो ग्रोथ आया वह 5.4% था। हाल ही में इसको लेकर फाइनेंस मिनिस्ट्री की एक रिपोर्ट आई है। फाइनेंस मिनिस्ट्री के अंदर जो डिपार्मेंट आफ इकोनामिक अफेयर्स है उनका हर महीने इकोनामिक रिव्यू आता है। तो नवंबर वाले रिपोर्ट में उन्होंने बोला कि इस समय आर्थिक मंदी आरबीआई की पॉलिसी से आई है। मतलब सरकार इसका ठीकरा आरबीआई पर फोड़ रही है सीधे-सीधे। तो वह कह रही है कि आरबीआई को जिस तरह के कदम उठाने चाहिए यहां पर उन्होंने वैसा कदम नहीं उठाया। यहां इशारा किया जा रहा है कि जब शक्तिकांत दास गवर्नर थे तो उन्होंने रेपो रेट कम नहीं किया जिससे 2022 से हमारा रेपो रेट 6.5% पर लटका हुआ है और इसमें अब तक कमी नहीं की गई है। सरकार बार-बार कह रही थी कि आरबीआई को रेपो रेट में कटौती करनी चाहिए जिससे लोन सस्ता हो जाएगा, लोन ज्यादा लोग लेंगे, अंततः चीजों को बनाया जाएगा जिससे चीज ठीक हो जाएगी। ऐसे में सरकार इकोनॉमिक स्लोडाउन की जिम्मेदारी आरबीआई पर ठोक रही है।लेकिन इस समय शक्तिकांत दास रिटायर हो गए हैं और नए आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा है। अब देखना होगा कि अगली मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की रिपोर्ट जो होगी उसमें आरबीआई रेपो रेट घटाती है या नहीं ।
नई इनकम टैक्स रिजीम में कौन सी व्यवस्था लाई जानी है ?
इस वर्ष 2024-25 का बजट जुलाई में आया था क्योंकि लोकसभा चुनाव था। तब निर्मला सीतारमण जी ने कहा था की इनकम टैक्स एक्ट 1961 कई दशकों से चला आ रहा है तो उसे रिव्यू किया जाएगा। इसी को ध्यान में रखते हुए एक कमेटी बनती है जिसकी अध्यक्षता कमिश्नर आफ इनकम टैक्स वी के गुप्ता के द्वारा की जाती है। बताया जा रहा है नया बजट 2025-26 का जो बजट पेश किया जाएगा उससे पहले ही इसकी रिपोर्ट जारी कर दी जाएगी। देखिए यह जो रिपोर्ट है जो इनकम टैक्स एक्ट में बदलाव की बात कर रहे हैं तो उसमें ऐसा नहीं है कि वहां कोई सुझाव दिया जाएगा की इतना इनकम टैक्स होना ही चाहिए। बस यह होगा की इनकम टैक्स में कैसे चीजों को सुगम बनाया जाए उसको लेकर बात की जाएगी। इस समय जो काफी जटिल स्ट्रक्चर बन गया है उससे कहीं ना कहीं लोग भी परेशान रहते हैं कि कैसे इनकम टैक्स भरें, आगे क्या करना है, कहीं फंस तो नहीं जाएंगे । तो उसे सरल करने की कोशिश चल रही है लेकिन इसे लागू करना इतना आसान नहीं है क्योंकि नियमों में बदलाव करने होंगे, समय देना पड़ेगा और सिस्टम में भी बदलाव लेकर आना होगा। इसलिए कम से कम 1 साल लागू करने में लग ही जाएंगे। इस तरह से बदलाव काफी जरूरी है क्योंकि 1961 का इनकम टैक्स एक्ट अब तक चल रहा है।
अब देखना होगा कि आगे क्या होता है लेकिन इस लेख के द्वारा हमने आपको बताने की कोशिश की जो चर्चा चल रही थी कि 15 लाख की आमदनी पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। तो इस पर देखते हैं आगे क्या होगा। बाकी आपको हमारी लेख कैसा लगा, उसे जरूर बताइएगा। आपके बहुमूल्य सुझाव का हमेशा हम स्वागत करते हैं।