परिचय
Donald Trump oath: दोस्तों डोनाल्ड ट्रंप ऑफीशियली अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति बन चुके हैं। इससे पहले भी वह 2016 से 2020 तक का कार्यकाल राष्ट्रपति के पद पर रहते हुए बिताया था, जिसमें वह 45वें अमेरिका के राष्ट्रपति थे। इसके बाद बीच में 2020 से जनवरी 2025 तक बाइडेन 46 वें राष्ट्रपति के रूप में आए। अब फिर से डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति पद पर आ गए हैं। जैसे ही उन्होंने राष्ट्रपति पद की शपथ ली, उसके तुरंत बाद उन्होंने इमरजेंसी की घोषणा करदी है। उन्होंने दो इमरजेंसी की घोषणा की है, जिसमें एक तो अमेरिका और मेक्सिको की सीमा पर है और दूसरा नेशनल एनर्जी इमरजेंसी की घोषणा की है। तो यह पूरा मामला क्या है, इससे क्या बदलाव होगा, साथ ही ट्रंप ने आते ही क्या-क्या आर्डर दे दिया जिसको लेकर चर्चा हो रही है, तो आज इस ब्लॉग में सब कुछ बताएंगे आपको| चलिए शुरू करते हैं।

पूरा मामला क्या है ?
देखिए 47वें राष्ट्रपति बनते ही जैसे ही ट्रंप ने शपथ लिया, तो उन्होंने बहुत सारे एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पास किए हैं। इसकी वजह से बोला जा रहा है कि एनर्जी से लेकर इमीग्रेशन तक पर बहुत ही ज्यादा असर पड़ सकता है। इसमें जो सबसे बड़ी बात बोली जा रही है कि अमेरिका मेक्सिको की सीमा पर इमरजेंसी लगाई गई है। मतलब ट्रंप अपना कैंपेन प्रोसेसिंग को पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं और उसमें बहुत सारी चीजें कही गई है जिसमें सीमा की सुरक्षा को ज्यादा टाइट किया जाएगा। इसके साथ ही सामूहिक निर्वाचन की भी बात की गई है। उन्होंने शपथ लेने के एक दिन पहले ही जब बहुत से लोगों के साथ डिनर किया, तो बोल दिया कि वह शपथ लेने के बाद लगभग 200 ऑर्डर एक ही बार में वह साइन करने जा रहे हैं। इसके कारण वह बाइडेन की महत्वपूर्ण घरेलू नीति नीतियों को उल्टा कर देंगे। इसके आगे बोला जा रहा है कि आगे आने वाले दिनों में 200 से भी ज्यादा एग्जीक्यूटिव ऑर्डर ट्रंप पास कराने वाले हैं।
कौन-कौन से आर्डर साइन किया ?
अवैध प्रवासियों को बाहर करेंगे
सबसे पहला आर्डर अवैध प्रवासी है। अमेरिका और मेक्सिको का जो बॉर्डर है, वहां पर इमरजेंसी लगाया गया है। जब वह शपथ ले रहे थे, तभी उन्होंने ऐलान किया कि यहां पर तुरंत इमरजेंसी लगेगी, जिससे जो अवैध प्रवासी अमेरिका में आ रहे हैं उसे रोका जा सके। इसके लिए जरूरत पड़ने पर सैन्य बल को भी बॉर्डर पर लगाया जा सकता है। ट्रम्प का कहना है कि जो लोग अमेरिका के अंदर अवैध तरीके से आ रहे हैं, वह क्रिमिनल एलियन है। इसलिए उन्हें हम उनके देश वापस भेज कर रहेंगे। ऐसे में लाखों लोगों को उनके देश भेजा जा सकता है।
नेशनल एनर्जी इमरजेंसी
दूसरा नेशनल एनर्जी इमरजेंसी है। इसको समझने की जरूरत है क्यूंकि बाइडेन की पॉलिसी मुख्यतः क्लाइमेट चेंज पर फोकस थी। उनका कहना था कि हमें इलेक्ट्रिक व्हीकल की तरफ ज्यादा बढ़ने की जरूरत है क्यूंकि जो कंपनियां पेट्रोल-डीजल वाली गाड़ियां बनाती है, उससे बहुत ज्यादा प्रदूषण होता है। तो यहां पर एक तरह से अमेरिका के अंदर तेल और गैस को कम प्रोड्यूस कराया जा रहा था बाइडेन के शासनकाल में। लेकिन ट्रंप का कहना है कि हमें अपने संसाधनों को इस्तेमाल करना चाहिए। वह कहते हैं कि अमेरिका में तेल व गैस का उत्पादन बढ़ाने की जरूरत है। ट्रंप ने शपथ लेने के दौरान बोला कि अमेरिका के अंदर जो महंगाई बढ़ रही है उसका कारण ऊर्जा की कीमतों में वृद्धि है। इसके कारण देश में नेशनल एनर्जी इमरजेंसी लगाने की जरूरत है, जिससे ज्यादा से ज्यादा तेल और गैस प्रोड्यूस किया जा सके
कॉविड-19 वैक्सीन
अगला जो आर्डर ट्रंप के द्वारा पास किया गया है कि बाइडेन प्रशासन ने कोविड -19 के समय पर एक आर्डर पास किया था, की सेना में जितने भी लोग हैं उन्हें कोविड वैक्सीन लगाना ही पड़ेगा। मगर बहुत से लोग कोविड वैक्सीनेशन नहीं किया था। जिसकी वजह से उन्हें सेवा से हटा दिया गया था और जिनकी संख्या 8000 के आसपास थी। लेकिन ट्रंप आते ही उन सभी सैनिकों को सर्विस में ले आया है और कहा है कि उनको जब से वेतन नहीं मिला, वह भी मिलेगा। ऐसे में यह फिर से चीजों को वापस से लेकर आना चाह रहे हैं कि जो लोग कोविड वैक्सीन नहीं लगाया, वह भी सही हो सकते हैं और जरूरी नहीं है कि उन्हें हमें वैक्सीन देने ही चाहिए।
ट्रेड और टैरिफ
अगला जिसको लेकर काफी चर्चा हो रही थी जिसके कारण पूरी दुनिया डरी हुई थी कि ट्रंप आते ही टैरिफ पर टैरिफ लगा देंगे, जिससे अमेरिका के अंदर आने वाली वस्तुएं महंगी हो जाएगी। इसके कारण लोग अमेरिकी वस्तुएं ही खरीदेंगे। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि अभी के लिए ऐसा कुछ नहीं हुआ है। ट्रंप चुनाव से पहले घोषणा किया था कि ग्लोबल इंपोर्ट पर 10% टैरिफ लगाएंगे, चाइनीस गुड्स पर 60% टैरिफ लगाएंगे, कनाडा और मैक्सिकन प्रोडक्ट पर 25% टैरिफ लगाएंगे। मगर अब ट्रम्प कह रहे हैं कि ट्रेड यूनियन के रिव्यु के बाद हम ऐसा लागू करेंगे।
दो ही जेंडर को मान्यता मिली
अब से अमेरिका में सिर्फ दो ही जेंडर को मान्यता मिली है। इससे पहले बाइडेन प्रशासन उदारवाद की तरफ जा रही थी जो एलजीबीटी कम्युनिटी को भी सपोर्ट कर रही थी। लेकिन ट्रंप ने कहा कि हम उसे सपोर्ट नहीं करेंगे और आधिकारिक तौर पर अमेरिका में सिर्फ दो ही जेंडर होंगे जिनमें एक मेल और दूसरा फीमेल होगा। तो यह उन्होंने शपथ ग्रहण समारोह में ही बोल दिया था।
गल्फ ऑफ़ मेक्सिको होगा गल्फ ऑफ़ अमेरिका
अमेरिका और मेक्सिको के पूर्वी भाग में एक गल्फ़ है जिसका नाम गल्फ ऑफ मेक्सिको है। ट्रंप इसको लेकर पहले भी ऐलान किया था कि वह इसे गल्फ ऑफ़ अमेरिका नाम बदल देंगे। ऐसे में उन्होंने अपने शपथ ग्रहण समारोह के समय ही ऐलान किया कि आज से गल्फ का मेक्सिको गल्फ ऑफ़ अमेरिका कहलाएगा। लेकिन यह तो सोचने वाली बात है कि अब जरूरी नहीं की दुनिया भी उसे गल्फ ऑफ़ अमेरिका माने। अब इसको लेकर तो समय बताएगा की पूरी दुनिया भी इसे गोल्फ ऑफ अमेरिका क़हती है या नहीं। जब ट्रंप शपथ ग्रहण करते समय इसकी घोषणा की, तो वहीं पर हिलेरी क्लिंटन भी बैठी थी, जो जोर-जोर से हंसने लगती है। उसकी वीडियो काफी वायरल है।
एग्जीक्यूटिव ऑर्डर क्या होता है ?
अब आपको बताते हैं कि एग्जीक्यूटिव ऑर्डर क्या होते हैं। देखिए भारत में भी सरकार दो तरह से चीजों को लागू कराती है। एक होता है संसद से कानून बना कर लागू किया जाता है। इसका महत्व बहुत ज्यादा होता है। दूसरा जो होता है उसमें सरकार अपने तरफ से कोई आदेश जारी कर देती है। मगर उसका उतना महत्व नहीं होता है। जैसे आप में से जो लोग स्टॉक मार्केट में रुचि रखते हैं, तो आपको सेबी के बारे में जरूर पता होगा। तो सेबी मार्केट को रेगुलेट करती है, लेकिन जिस समय वह बना तब इससे संबंधित कोई कानून नहीं था। पहले तो सरकार एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पास करके सेबी नाम संस्था बना दी थी, मगर इसके पास ज्यादा पावर नहीं थी। लेकिन 1993 में जब कानून पारित हुआ, तो इससे बहुत शक्ति उसे मिल गई। इसी तरह अमेरिका में सीनेट और हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव होते हैं तो यहां पर वह पास करेंगे, वह तो अलग चीज है। मगर वहां पर राष्ट्रपति के पास भी इसकी शक्ति होती है कि वह कुछ आदेश पास करके चीजों को लागू कर सकते हैं। तो यही एग्जीक्यूटिव ऑर्डर डोनाल्ड ट्रंप ने भी पास कराया है।
कई लोग यह भी सोचते हैं कि जब ट्रंप इतने सारे ऑर्डर पास कर रहे हैं, तो क्या वहां की संसद के पास इसे रोकने की शक्ति है ? देखिए ऐसा वह सीधे तो कोई आर्डर रोक नहीं सकती है, लेकिन मान लीजिए की कोई फंडिंग करना है जैसे मान लीजिए ट्रंप बोल दिया कि अमेरिका के बॉर्डर पर इमरजेंसी लगाना है, तो उसके लिए बहुत सारे सैन्य बल भेजना पड़ेगा। इसके लिए बहुत सारे पैसे चाहिए। तो यह पैसा बिना कांग्रेस की सहमति से नहीं निकल सकेगा। ऐसे में हो सकता है कि वहां के संसद उसे रोक दे। ऐसे में उसे इस तरह से रोका जा सकता है।
एग्जीक्यूटिव ऑर्डर का इतिहास
देखिए अमेरिका का इतिहास देखें, तो कई हजार ऑर्डर अब तक पास किए गए हैं। अमेरिका के सबसे पहले राष्ट्रपति जॉर्ज वाशिंगटन ने सिर्फ आठ एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पास किया। मगर रूजबेल्ट ने तो 3721 एग्जीक्यूटिव ऑर्डर अपने कार्यकाल के दौरान पास किए थे। अगर ट्रंप के पहले कार्यकाल की बात करें तो उन्होंने 220 आर्डर पास किए थे। जो बाइडेन ने पिछले 4 वर्षों में 160 आर्डर पास किया, लेकिन इस बार तो ट्रंप ने पहले ही दिन 200 आर्डर पास कर चुके हैं। तो आने वाले समय में उनके द्वारा और भी ऑर्डर पास किया जा सकता हैं, यह तो आगे आने वाला समय ही बतायेगा कि आखिर होता क्या है।
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