DeepSeek AI: दोस्तों भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के इस समय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण हैं । उन्होंने अधिकारीयों से कठोरतापूर्वक कहा है की जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल मार्केट में चल रहे हैं जैसे ChatGpt और DeepSeek हो गया, जो चीन के द्वारा बनाया गया है । तो गवर्नमेंट के जो ऑफिशियल डिवाइस होते हैं जिनमें चाहे मोबाइल फोन हो, लैपटॉप हो, टैबलेट हो या कंप्यूटर हो, तो इन डिवाइस में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का यूज नहीं करना है क्योंकि इसकी वजह से सरकारी डाटा की प्राइवेसी छिनी जा सकती है । DeepSeek को जनवरी महीने में ही लॉन्च किया गया था और जैसे ChatGpt है, इस तरह DeepSeek भी है । इसको लेकर फाइनेंस सेक्रेटरी ने भी अपना अप्रूवल दे दिया है कि आप सरकारी ऑफिस में सरकारी डिवाइस में किसी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग नहीं करेंगे क्यूंकि इसकी वजह से बहुत बड़ी समस्या खड़ी हो सकती हैं।
क्यों इतना मायने रखता है ?
पुरी दुनिया के रेगुलेटर्स DeepSeek की जांच कर रहे है कि जो AI मॉडल है और उससे जो डाटा जेनेरेट हो रहा है, तो वो डाटा चीन के पास जा रहा है । जब आप DeepSeek का इस्तेमाल करते हैं, तो कुछ मालिसियस सॉफ्टवेयर आपके डिवाइस में इनस्टॉल हो जाता है। इसलिए यहाँ पर कुछ देशों ने तो इसका इस्तेमाल करना भी बंद कर दिया है जबकि आयरलैंड, फ्रांस, बेल्जियम और नेदरलैंड ने इसको लेकर चिंता व्यक्त किया है की इसके द्वारा कहीं ना कहीं लोगों का डाटा चुराया जा रहा है । इसके चलते अमेरिका की बहुत सारी फ़ेडरल एजेंसी ने अपने-अपने कर्मचारियों को ऐसा ही आदेश पास किया है, जैसे भारत सरकार ने पास किया कि आपलोग एआई का इस्तेमाल मत कीजिये । इतना ही नहीं अमेरिका के अंदर तो बहुत सारे प्राइवेट कंपनियों ने भी अपने कर्मचारियों के लिए ChatGpt और DeepSeek के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है । इटली में तो प्लेस्टोर और एप्पस्टोर से भी ChatGpt और DeepSeek को हटा दिया गया है, जिससे वहां पर आम नागरिक भी इन टूल्स का इस्तेमाल नहीं कर सकती हैं। इसलिए इसको लेकर काफी बड़े स्टेप दुनिया भर में लिए जा रहे हैं।
DeepSeek का क्या कहना है ?
DeepSeek ने साफ़-साफ़ कहा है की जो भी डाटा कलेक्ट किया जाता है, वो चीन में स्टोर हो जाता है। इसलिए खतरा इस बात की है की जब डाटा चीन के पास होगी, तो वहां की सरकार और खुफ़िया एजेंसी आसानी से उस डाटा को लेकर यूज कर सकती है क्यूंकि चीन में कानून ही है की किसी भी कंपनी से डाटा माँगा जाता है तो उसे उन्हें देना ही पड़ता है । इसलिए जाहिर सी बात है की जो भी डाटा चीन जा रहा है तो चीन की सरकार उस डाटा का कभी भी यूज कर सकती है ।
भारत सरकार का क्या कहना है ?
अभी के लिए तो भारत के वित्त मंत्रालय ने इसपर थोड़ी सी सख्ती बरती है, लेकिन जब बात आम लोगों की इसके इस्तेमाल की करें, तो हमारा डाटा तो चुराया जा रहा है । ऐसे में यूनियन मिनिस्टर अश्वनी वैष्णव ने डाटा प्राइवेसी का सवाल उठाया और कहा कि जितने भी ओपन सोर्स मॉडल हैं, उनको इंडियन सर्वर पर होस्ट किया जाना चाहिए। इससे फायदा ये होगा की अगर आप DeepSeek का इस्तेमाल करते हैं या चैटजीपीटी आप इस्तेमाल करते हैं, तो उससे जितनी भी डाटा होगा, उसको भारत में ही स्टोर कर लिया जायेगा जिससे वो भारत के बाहर नहीं जायेगा। हालाँकि अभी के लिए इसको लागू नहीं किया गया है लेकिन इसे अगर लागू कर दिया जाता है, तब हमारी देश का डाटा हमारे देश में ही रहेगा जो देशहित में होगा ।
इसे भी पढ़ें – DeepSeek से दुनिया को टेंशन, बैन कराने को उठ रही मांग