परिचय
Budget 2025: दोस्तों 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश कर दिया है । उसके बाद पूरे देश का ध्यान एक ही जगह पर था, जो की है इनकम टैक्स स्लैब । ऐसे मैं यहां पर सरकार ने बड़ी राहत दी है क्योंकि पहले क्या था कि अगर आपकी आमदनी 7 लाख रुपए तक की होती थी, तो आपको कोई टैक्स नहीं देना पड़ता था । लेकिन अब इस लिमिट को बढ़ाकर ₹1200000 कर दिया गया है । तो अबसे वित्त वर्ष 2025-26 से अगर आपकी इनकम 12 लाख से ऊपर है, तो आपको कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा । यह तो बहुत ही अच्छी बात है लेकिन बहुत से लोग इस बात को लेकर कन्फ्यूजन में है कि जब आपको 12 लाख रुपए पर कोई टैक्स नहीं भरना है, तो फिर यहाँ टैक्स स्लैब में चार से आठ लाख में 5% क्या है जिसमें बोला गया है कि चार से आठ लाख में आपको 5% टैक्स देना है और 8 से 12 लाख के बीच में 10% टैक्स देना है तो 12 लाख तक कमाने वालों के लिए इनकम टैक्स फ्री कैसे हुआ ? कहने का मतलब यह है कि जब 12 लाख तक कोई टैक्स ही नहीं देना है, तो यहां पर यह टेक्स स्लैब क्या है और इससे आपकी कुल इनकम टैक्स कैसे कैलकुलेट किया जाता है, यह सारी चीज आज आपको इस ब्लॉग में बताएंगे । इससे आपके मन में कोई संदेह नहीं बचेगा । चलिए शुरू करते हैं ।

पूरा मामला क्या है ?
देखिए 1 फरवरी को वित्त मंत्री सीता निर्मला सीतारमण ने ऐलान कर दिया कि जिन लोगों की इनकम 12 लाख रुपए वार्षिक है, तो उनको कोई टैक्स नहीं भरना है । यहां पर मैं 12 लाख की इनकम के लिए 1 साल की बात कर रहा हूं, क्यूंकि बहुत से लोगों को इसमें भी डाउट है कि यह 12 लाख रूपए 1 महीने की इनकम है लेकिन नहीं, यहाँ एक साल की इनकम की बात हो रही है । सरकार का कहना है की लोगों के पास आमदनी बढे जिससे वो उन पैसों का खर्च करेंगे और मार्किट में डिमांड सप्लाई बनी रहें । तो इससे मार्किट में खपत बढ़ेगा और उसकी वजह से इकॉनमी को फायदा पहुंचेगा ।
12 लाख की आय पर क्या होगा ?
सरकार ने ऐलान किया है की 12 लाख रुपए तक कोई इनकम टैक्स नहीं लगेगा । लेकिन मान लीजिए कि किसी की आमदनी 15 लाख रुपए है । बहुत से लोग इस बात को लेकर कन्फ्यूज हो रहे हैं कि जब इनकम 12 लाख है, तब तो ठीक है । लेकिन अगर इनकम 15 लाख रूपए है, तो इसमें क्या होगा ? मतलब कि इसमें जो 3 लाख का डिफरेंस है, तो क्या इस 3 लाख पर टैक्स लगाना है ? चलिए अगले पैराग्राफ में बताते हैं ।
नहीं ऐसा नहीं है । जैसे ही आपकी इनकम 12 लाख रुपए क्रॉस करती है, तब खेल आ जाता है इनकम टैक्स स्लैब का इसमें आप देख रहे हो कि जीरो से 4 लाख पर कोई टैक्स नहीं है, 4 से 8 लाख पर 5% टैक्स है, 8 से 12 लाख पर 10% टैक्स है, 12 से 16 लाख पर 15% टैक्स है, 16 से 20 लाख पर 20% टैक्स है, 20 से 24 लाख पर 25% टैक्स और 24 लाख के ऊपर 30% टैक्स है । तो यहां पर आपको यह समझना है कि यहां पर यह अंतर नहीं देखा जाता है कि आपको सिर्फ 3 लाख पर ही टैक्स देना पड़ेगा। यहां पर जैसे ही आपकी इनकम 12 लाख के पार जाएगी तो तब सारा खेल टैक्स स्लैब का आ जाएगा ।

12.75 लाख रूपए पर भी कोई टैक्स नहीं लगेगा !
आपने सुना होगा अगर आपकी इनकम 12.75 लाख रूपए है, तो भी आपको कोई टैक्स नहीं देना है । देखिये ये पूरा खेल भी आपको समझा देता हु । यहाँ पर रोल “स्टैण्डर्ड डिडक्शन” का आ जाता है । इसके बारे में थोड़ा आपको बताता हु ।
मान लीजिये आप कही नौकरी करते हैं । तो नौकरीपेशा करने वाला आदमी रेंट लेकर रहता है और घर से ऑफिस जाने में यात्रा का खर्च लगता है । ऐसे में सरकार इन नौकरी पेशा वालों को अतिरिक्त लाभ देती है क्यूंकि सरकार कहती है की आपकी हर महीने फिक्स आमदनी आती है । यहाँ पर जो इन लोगों को अतिरिक्त लाभ मिलता है, उसे ही हम स्टैण्डर्ड डिडक्शन कहते हैं । अब मान लीजिये की हाउस रेंट, ऑफिस आने जाने और कहीं लोन ले लिया तो उसमें आपका कुल खर्च 75000 तक आ रहा है । तो इसलिए सरकार ने बोल दिया की मान लो की आपकी आमदनी 12,75000 रूपए भी है, तो भी आपको कोई टैक्स नहीं देना है क्यूंकि हम आपको स्टैण्डर्ड डिडक्शन दे रहे हैं और यह छूट सिर्फ नौकरीपेशा करने वालों के लिए ही हैं । अगर आप कोई बिज़नेस करते हैं, तो तब आपको 12 लाख ही इनकम टैक्स छूट मिलेगी और तब आप स्टैण्डर्ड डिडक्शन का क्लेम नहीं कर सकते हैं ।

इनकम टैक्स कैसे कैलकुलेट किया जाता है ?
इनकम टैक्स कैलकुलेशन स्लैब के हिसाब से किया जाता है । आप पर यहाँ सिर्फ एक ही रेट नहीं लगता है । मान लीजिये की आपकी वार्षिक आय 19 लाख रूपए है । तो आप सोचेंगे की 12 लाख रूपए टैक्स फ्री है और मैं 19 लाख ही कमाता हु, तो 7 लाख पर ही टैक्स देना पड़ेगा । तो ऐसा बिलकुल नहीं होता है । आप 16-20 लाख वाले स्लैब में आएंगे और यहाँ पर पिक्चर में टैक्स स्लैब आ जाता है और उससे कैलकुलेट करके बताता हूँ की आपको कितना इनकम टैक्स देना पड़ेगा ।
जब हम 19 लाख रूपए पर कुल टैक्स की बात करे, तो यहाँ 0 से 4 लाख तक कोई टैक्स नहीं लगता है । इसके बाद 4 से 8 लाख के आय पर 5% टैक्स लगेगा । मतलब 4 लाख से 8 लाख के बीच 4 लाख हुआ, इसलिए इस 4 लाख पर 5% टैक्स लगेगा । तो 4 लाख का 5% = 20000 हो गया ।
इसी तरह 8 लाख से 12 लाख के टैक्स स्लैब के बीच 10% टैक्स लगता है । यहाँ भी 8 लाख से 12 लाख के बीच 4 लाख आते हैं । इस 4 लाख पर 10% टैक्स देना पड़ेगा । तो यहाँ आपको 40000 टैक्स देना पड़ेगा ।
इसी तरह 12 लाख से 16 लाख के टैक्स स्लैब के बीच 15% टैक्स लगता है । यहाँ भी 12 लाख से 16 लाख के बीच 4 लाख आते हैं । इस 4 लाख पर 15% टैक्स देना पड़ेगा । तो यहाँ आपको 60000 टैक्स देना पड़ेगा ।
16 लाख तक तो हमने काउंट कर लिया । अब 19 लाख की आय जो है वो 16-20 लाख के स्लैब में आता है और इसमे 20 % टैक्स देना पड़ता है । हमने 16 लाख तक टैक्स दे दिया और हमारी आय 19 लाख है । इसलिए बची 3 लाख की आय पर 20% टैक्स देना होगा, जो 60000 रूपए हो जायगी ।
अब आप इन सभी को एकसाथ जोड़ दीजिये, तो 19 लाख की आमदनी पर हमे कुल 20000+40000+60000+60000= 180000 रूपए टैक्स देना पड़ेगा। तो यह था टैक्स का पूरा अंकगणित ।
आपको बताया था की इसमें सरकार नौकरीपेशा लोगों को 75000 स्टैण्डर्ड डिडक्शन देती हैं । तो आपका टैक्स कैलकुलेशन 18,25000 पर ही होगा और 16 से 20 लाख वाले स्लैब में आपको 3 लाख पर टैक्स नहीं देना है । यहाँ आपको सिर्फ 2,25000 रूपए पर ही टैक्स देना है ।
रेवेन्यू पर क्या असर पड़ेगा ?
सरकार ने जो आपको राहत दिया है तो उसकी वजह से सरकार को लगभग एक लाख करोड़ का नुकसान हो रहा । इसे आप नुकसान कह लीजिये या आप जो भी कह लीजिये । तो इतना पैसा सरकार को मिल सकता था रेवेन्ये के माध्यम से, मगर वो अब उन्हें नहीं मिल पायेगा। क्यूंकि वो पैसा सरकार आपके पॉकेट में रख दिया है । अब आप उन पैसों से कुछ भी खरीद सकते हैं ।
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