
परिचय
दोस्तों नमस्कार। दोस्तों पिछले कुछ दिनों से बिहार से खबर आ रही है की BPSC protest Patna हो रहा है । आपको पता होगा कि केंद्र सरकार में जैसे यूपीएससी( यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन) होता है तो वैसे ही सभी राज्यों का अपना अपना राज्य आयोग होता है। इसी तरह बिहार में है बीपीएससी( बिहार पब्लिक सर्विस कमिशन)। इसका अभी एग्जाम हुआ था लेकिन उसको लेकर छात्र पटना की सड़कों पर प्रोटेस्ट करते नजर आ रहे हैं। यहां पर प्रोटेस्ट काफी बढ़ता नजर आ रहा है। आज के इस ब्लॉग में हम इसे समझेंगे कि आखिर यह प्रोटेस्ट क्यों बड़ा होता जा रहा है उसी के साथ-साथ हम आपको बताएंगे की छात्र क्या डिमांड कर रहे हैं और पुलिस किस तरह बर्बरता कर रही है। यह पूरी बातें आपको इस ब्लॉक में बताएंगे तो चलिए शुरू करते हैं ।
हुआ क्या है ?
सबसे पहले आपको बताते हैं कि बिहार पुलिस ने जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर पर मुकदमा दर्ज कर लिया है। उसी के साथ में बहुत सारे कोचिंग सेंटर संचालकों पर भी दर्जन पर केस दर्ज हुआ है और लगभग 800 अज्ञात प्रोटेस्टेंट के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। यहां पर पुलिस कह रही थी कि छात्रों ने गलत तरीके से प्रोटेस्ट किया है जिससे कानून व्यवस्था बहुत ही ज्यादा खराब हो गया है। इसी के साथ में पुलिस यह भी कह रही थी कि जो भी भीड़ प्रोटेस्ट के लिए जमा हुई थी, वह अनाधिकृत थी क्योंकि छात्रों को पहले ही मना कर दिया गया था प्रोटेक्ट करने से लेकिन तबसे लॉ एंड ऑर्डर की समस्या बहुत ज्यादा बढ़ गई थी ।
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पुलिस का क्या कहना है ?
पुलिस की माने तो उनका कहना है कि प्रशांत किशोर की जो जन सूराज पार्टी है, वह मार्च निकालने वाली थी प्रशासन की अनुमति के बिना ही। आप जानते होंगे पटना का प्रसिद्ध एक जगह है गांधी मैदान, उसके पास में बहुत बड़ी भी इकट्ठा हो गया था जो काफी उग्र हो गया था। इसकी वजह से पुलिस यह बता रही थी कि पुलिस के लाउडस्पीकर को भी तोड़ दिया गया था और उसके बाद कई पुलिस ऑफिसर्स के साथ झड़प भी हुई। प्रशासन के कहने के बावजूद कि आप लोग यहां मत एकत्रित हुई है लेकिन उसके बावजूद छात्र नहीं माने। इसी के कारण पुलिस का कहना है कि हमें मजबूरन लाठी चार्ज करना पड़ा और वाटर कैनन का भी इस्तेमाल करना पड़ा। इसके साथ-साथ यह भी बोला जा रहा है इन छात्रों के द्वारा की जो हाल में ही बीपीएससी प्रीलिम्स हुआ है उसे यह छात्र फिर से कराने की मांग कर रहे हैं। इसके बारे में मैं आपको आगे बताऊंगा लेकिन प्रोटेस्ट के समय इन छात्रों का जो मुख्य उद्देश्य था वह यही था कि जो मुख्यमंत्री है नीतीश कुमार उनके घर पर पहुंचकर उनसे सीधे बातचीत की जाए इस समस्या को लेकर की सर आप भी हम छात्रों का साथ दीजिए और बीपीएससी प्रीलिम्स एक्जाम को फिर से करने के लिए कहिए।
प्रशांत किशोर क्या कर रहे थे ?
अब आपको बताते हैं जब इस आंदोलन में छात्र संलिप्त हैं तो फिर आखिर प्रशांत किशोर यहां पर कर क्या रहे हैं ? आपको मालूम होगा प्रशांत किशोर ने जंन सुराज की पार्टी बना ली है और अगला चुनाव भी वह लड़ने वाले हैं जब 2025 में बिहार में विधानसभा का चुनाव होगा। ऐसे में उन्होंने इन छात्रों का पूरा साथ दिया है। इसके अलावा प्रशांत किशोर ने छात्र संसद के लिए भी आह्वान किया है कि वह गांधी मैदान में छात्र संसद बैठना चाहते हैं लेकिन इसकी अनुमति प्रशासन के द्वारा नहीं मिल सकी। माना जा रहा है कि प्रशांत किशोर की पार्टी पूरे बिहार की सभी सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। ऐसे में इस प्रोटेस्ट में शामिल होने से उनका राजनीतिक लाभ मिलने की उम्मीद है।
बीपीएससी के छात्र प्रोटेस्ट क्यों कर रहे हैं ?
अब सवाल यह आता है कि इस प्रोटेस्ट से बहुत से छात्र घायल भी हुए तो यह छात्र आखिर किस बात को लेकर प्रोटेस्ट कर रहे हैं ? जिस तरह यूपीएससी का एग्जाम हर साल होता है तो उसी तरह बीपीएससी का एग्जाम भी हर साल नहीं होता है। यह तीन-चार साल में एक बार होता है। इस बार जो 13 दिसंबर को एग्जाम हुआ था वह 70 वीं बीपीएससी की थी। इसी को लेकर यह छात्र इस समय प्रोटेस्ट कर रहे हैं। जिस तरह से यूपीएससी में प्रीलिम्स मेंस और इंटरव्यू होता है । इस तरह से यहां पर भी प्रीलिम्स हुआ। उसके बाद मेंस और इंटरव्यू होता । ऐसे में छात्र आरोप लगा रहे हैं कि जो प्रीलिम्स हुआ था उसमें बहुत गड़बड़ी थी और जो क्वेश्चन पेपर्स था उसकी क्वालिटी बहुत खराब थी। यहां पर छात्रों का तो यह भी कहना है कि जो कोचिंग में मॉक पेपर्स होते हैं उनसे बहुत हद तक 70 वीं बीपीएससी प्रीलिम्स के सवाल मिलते जुलते थे। इसी कारण से छात्र यही मांग कर रहे हैं कि जो प्रीलिम्स एक्जाम 13 दिसंबर को हुआ था उसे कैंसिल करके फिर से कराया जाए। यहां पर छात्रों की डिमांड को विपक्ष सपोर्ट कर रहा है जिनमें राजद, कांग्रेस जन स्वराज और लेफ्ट की कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया है। यह लोग छात्रों की मांग को सपोर्ट कर रहे हैं और इन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार छात्रों के साथ खिलवाड़ कर रही है। लेकिन अगर हम बीएससी की बात करें तो उन्होंने छात्रों की इस डिमांड को मानने से मना कर दिया है और कहा है कि छात्र जो यह चाहते हैं कि एग्जाम फिर से कराया जाए यह पूर्णता गलत है। उन्होंने कहा कि सफल छात्रों को अब मेंस पर ध्यान देना चाहिए।
अब तक क्या-क्या हुआ है ?
अब आपको बताते हैं कि यहां पर अब तक क्या-क्या हुआ है। यहां पर एग्जाम शुरू होने से पहले से ही प्रोटेस्ट चल रहा है। प्रोटेस्ट 6 दिसंबर से ही शुरू हो जाता है नॉर्मलाइजेशन को लेकर जबकि एग्जाम थी 13 दिसंबर को। यहां पर एग्जाम की नोटिफिकेशन सितंबर 2024 में आया था जिसके बाद 483000 छात्रों ने फॉर्म भरा था मगर सिर्फ 325000 छात्र ही एग्जाम में उपस्थित हो पाए। जो प्रीलिम्स 13 दिसंबर को हुआ था उसमें 325000 छात्र उपस्थित हुए थे। इसबार 70 वीं बीपीएससी में टोटल 2031 वैकेंसी थी या अब तक की सबसे बड़ी वैकेंसी है क्योंकि यूपीएससी में करीब 700 से 800 के करीब वैकेंसी ही आती है । इस बार 70 वीं BPSC में 200 एसडीएम की सीट है, 13 डीएसपी और बाकी गैजेटेड ऑफीसर्स की सीट है। इस तरह यह अभ्यर्थियों के लिए एक बड़ी अपॉर्चुनिटी है ।
प्रोटेस्ट की शुरुआत 6 दिसंबर से होती है। उसमें छात्रों का जो मुख्य चिंता वह नॉर्मलाइजेशन को लेकर था। नॉर्मलाइजेशन आपको बता देता हूं की मान लीजिए लाखों की संख्या में छात्र किसी एग्जाम के लिए अप्लाई कर रहे हैं लेकिन इतने छात्रों का एक साथ एग्जाम नहीं लिया जा सकता है क्योंकि बैठने के लिए जगह कम है। ऐसे में एग्जाम अलग-अलग शिफ्ट में कराया जाता है जैसे मॉर्निंग शिफ्ट, ऑफ्टर नोन शिफ्ट और इवनिंग शिफ्ट ।अब यह तो स्पष्ट है कि जो क्वेश्चन मॉर्निंग शिफ्ट में आया था वह इवनिंग शिफ्ट में तो नहीं आ सकता। ऐसे में संभव है कि एक शिफ्ट में इजी पेपर्स आए और दूसरे शिफ्ट में थोड़ा डिफिकल्ट। तो नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया में जो ईजी क्वेश्चंस पेपर होते हैं उनके मार्क्स कम कर दिए जाते हैं और जो कठिन पेपर होते हैं उनके मार्क्स बढ़ा दिए जाते हैं। यही नॉर्मलाइजेशन होता है। तो छात्र यहां पर नॉर्मलाइजेशन को लेकर चिंता व्यक्त कर रहे थे। तब छात्र कह रहे थे की एग्जाम एक ही शिफ्ट में कराया जाना चाहिए। उस समय बीपीएससी ने छात्रों की यह मांग स्वीकार कर ली थी और 13 दिसंबर को 12 से 2:00 के बीच एक ही शिफ्ट में एग्जाम हुआ था । लेकिन 13 दिसंबर को जो एग्जाम कराया गया था उसमें बड़ा इल्जाम लगाया जा रहा है कि बिहार में जो सबसे बड़ा केंद्र है उसका नाम बापू एग्जामिनेशन कंपलेक्स है। वहां पर बताया जा रहा है कि प्रश्न पत्र मिलने में देर हुआ और यह बात बीपीएससी ने भी मानी की हमसे गलती हुई है और सिर्फ बापू एग्जामिनेशन कंपलेक्स के लिए ही फिर से एग्जाम कराया जाएगा जो 4 जनवरी को इन छात्रों के लिए कराया जा रहा है। तो यह बात बीपीएससी की तरफ से की गई। लेकिन यहां पर छात्र मांग कर रहे हैं कि सभी के लिए एग्जाम फिर से कराया जाए मगर बीपीएससी कह रही है कि हम सिर्फ बापू एग्जामिनेशन परिसर में उपस्थित छात्रों का ही री एग्जामिनेशन कराएंगे।
इसके अलावा प्रश्न पत्र को लेकर भी सवाल किया जा रहा है। मतलब छात्र कह रहे हैं जो इस बार क्वेश्चन पेपर का स्टैंडर्ड था वह पुलिस भर्ती परीक्षा के स्टैंडर्ड का था और वह कोचिंग मॉडल पेपर से काफी मिलता जुलता है। इस पर बीएससी के अध्यक्ष सत्य प्रकाश का कहना है कि क्वेश्चन पेपर तो एक्सपर्ट पैनल के द्वारा तैयार किया जाता है। अगर पेपर में क्वेश्चन का लेवल ईजी था तो कट ऑफ हाई जाएगा लेकिन क्वेश्चन पेपर कठिन होता तो कट ऑफ कम जाता। आगे बीपीएससी ने स्पष्ट किया कि क्वेश्चन पेपर्स कुछ हद तक कोचिंग के पेपर से मिलते-जुलते हो लेकिन ऐसा नहीं है कि सिर्फ उसकी वजह से कोई छात्र एक्जाम क्रैक कर लेगा तो ऐसा इस समय बिहार में चल रहा है।
निष्कर्ष
मुझे उम्मीद है कि इस ब्लॉग से आपको पूरी बात समझ आ गई होगी। बीपीएससी के छात्रों की डिमांड है पूरा एग्जाम फिर से कराया जाए मगर बीपीएससी इसे मानने को तैयार नहीं है। तो देखते हैं आगे इसको लेकर क्या होता है। बाकी आप इसको लेकर अपनी राय हमें जरूर बताइएगा।